रातिजगा में कौन से 16 गीत गाए जाते है और ऐसा कौन सा गीत है जो गाने पर हमें 16 गीतों की बजाय 11 गीत ही गाने पड़ेंगे। और साथ ही में सुबह के 6 गीत।
दोस्तों, रातिजगा के गीत शुद्ध मारवाड़ी में रहने से ज्यादातर महिलाएं अपने ही देवी-देवताओं के गीत चाहकर भी नहीं गा सकती इसी समस्या को समझते हुए मेरी कोशिश थी कि रातिजगा के सभी गीत ऐसी आसान भाषा में हो ताकि हर कोई अपने देवी-देवताओं के गीत गा सके! इसलिए मैं ने पांच-छ गीतों की किताबें पढ़ कर, गुगल पर खोज कर और जो बुजुर्ग महिलाएं है, जिन्हें रातिजगा के गितों के बारे में जानकारी है. उन से पूछ कर यह पोस्ट लिखी है। यह पोस्ट लिखने का मेरा उद्देश्य यहीं है कि हम सब हमारे देवी-देवताओं के गीत गा सके! रातिजगा में कासे के दिए में मोली की बत्ती बनाकर दिया चासते है।
रातिजगा के कूल 16 गीत होते है। इसमें बड़ा बिंदायक और पितर पाटकड़ी का ये दो गीत बहुत ढूंढने पर भी आसान भाषा में नहीं मिल सके है और मैं भी उन्हें संपादित नहीं कर सकी हूं। खैर बाकि के चौदह गीत आप आसानी से गा सकेंगे। 16 गीतों में एक गीत ऐसा है कि यह गीत गाने से हमें भोम्याजी, हनुमानजी, भैरवजी, छींक चौथ, रामदेव बाबा और पित्तरजी का गीत नहीं गाना पड़ता। मतलब 16 की जगह 11 गीत ही गाने पड़ेंगे। जिनकी यादी इस प्रकार है...
1 बड़ा बिंदायक
2 सती माता
3 मावल्या
4 तेज्याजी
5 गोगाजी
6 जैतल
7 दिवला
8 सभी देवी देवता का गीत
9 मेहंदी
10 काजल
11 पितर पाटकडी
1) बड़ा बिंदायक
गढ़ रणतभंवर सू आयो बिंदायक, आय पावासा सीला बड तले।
पुछत-पुछत नगर पवास्या, घर ये बताओ दशरथजी साथ को।
बुझत-बुझत नगर पवास्या, घर ये बताओ लक्ष्मण जी कंवर को।
(इसी प्रकार घर के सभी पुरुषों के नाम लेना है)
उंची सी मेडी, लाल किवाड़ी, केला झवर के राजिड़ा रा बारने।
पहलो तो बासों सीमा मं बसीयों, सीमा मं नीपजै मोठ और बाजरो।
दूजो तो बासो सरवर बसीयों, सरवर भरीयों ठंडा नीर सं।
अगणो तो बासो बांंगाम बसीयों, बांगा फ्यूल्यो मरवो केवड़ो।
चौथो तो बासो शहरा मं बसीयों, शहरा बैठ्या बामन-बाणीयां।
पांचवों तो बासो मंडप बसीयों, मंडप छाई रूडी चिड़कली।
बातो चिक-चिक बोले, चार चिड़कली, अमृत बोले हरियो सूबतों।
छठवों तो बासों फेरा मं बसीयों, फेरा मं बैठ्या लाडो-लाडली।
सातवों तो बासो माया मं बसीयों, माया मं बैठ्या देवी-देवता।
एक कोथलडी जस देव बिंदायक, लाडला क दादा-ताउनं।
वे तो खरच-वरच एक मनस, रंग रवलो उनका ब्याव मं।
एक जीभड़्ली जस देवो बिंदायक, लाडला की दादी-ताई नं।
वे तो झुककर चाले, हंसकर बोले, रंग रहेगो बा का ब्याव मं।
एक आरतड़ जस दैयो बिंदायक, लाड़ला की भुआं बहना नं।
वे तो हंस-हंस गावे, रंग मचावे लाडला रा ब्याह मं।
एक भात मं जस देवो बिंदायक, लाड़ला क नाना मामा नं।
वे तो पहनाव उढाव एक मनस, रंग रहेगो बा का ब्याव मं।
बढ़जो-बढ़जो ए लाड़ी चिर तुम्हारों, रायबर को बागो केशरियां।
बढ़जो-बढ़जो रे लाड़ा गोत तुम्हारों, एक पीहर दूजो सासरों।
एक पापड़ा की जेठ बढ़जो और मंगोड्या रा माटला।
एक आव गुगलयारी बांस ओ बिंदायक, कौन सुहागन गणपत पूजियां।
गणपत पूज लाड़लारी माय ओ बिंदायक, बा घर बिरद उतावली।
2) सती माता का गीत
मेहंदी रची थार हाथ मं, काजल घुल रहयो आख्या मं।
चुदंडी को रंग सुरग, माँ राणी सती, माँ दादी सती।
फूल खिल्या थारा बागा में, चांद उग्यों हैं राता मं।
माँ धारो इतनो सुहानों रूप, माँ राणी सती, माँ दादी सती।
रूप सुहाणों जद में देखु, निंदडली नहीं आख्यां म।
मेरे मन पर जादु कर गयो, थारी मीठी बाता मं।
भूल गयी सब कामा मं, याद करूं धारा नामा नं।
माया को झुठो फंद, माँ राणी सती, माँ दादी सती।
मेहंदी रची...
थे कहों तो दादी थारी ओ...
थे कहो तो दादी थारी नथनी बन जाऊं मं,
नथनी तो बन जाऊं।
थारे होठा में रम जाऊं मं, चुडलों बनू थारा हाथा मं।
बोर बनु थारा माथा मं, बनजाऊं बाजुबंद माँ राणी सती माँ दादी सती।
मेहंदी रची...
थे कहो तो दादी थारी, पायलडी बन जाऊ मं।
पायलडी बन जाऊ थारे चरणा मं, रम जाऊ मं।
हार बनु थारे गला मं, मोती बधाऊ थारे घुंघट मं।
नैना में कर लूं बंद, मा राणी सती माँ दादी सती।
मेहंदी रची...
3) मावल्या का गीत
रोली भरीयो चोपडो, बहू थे कित चाली राज।
मेहंदी भरीयो बाटको, बहू थे कित चाली राज।
काजल भरीयो कुपलो, बहू थे कित चाली राज।
सातों ही बहना मंडप बिराजे, धोकन चाल्या जी राज।
साग लिया सायबो, बहू थे कित चाली राज।
4) तेज्याजी का गीत
कुल म दोय फुलड़ा बडाजी, एक सूरज दूजो चांद जी।
कासब जीरा तेजाजी थे बडाजी।
सुरजरी किरण्या तपजी, चंदारी निर्मल रात जी। कासब जीरा तेजाजी थे बडाजी।
कूल म दोय फुलड़ा बड़ा जी, एक माय दूजो बाप जी।
मायडर ऊदर लोटियाजी, बाप लड़ाया छ लाड़ जी।
कासब जीरा तेजाजी थे बडाजी।
कूल म दोय फुलड़ा बड़ा जी, एक सूसरो दूजी सास।
सूसराजी लाड़ लड़ाइयां जी, सासू सुज्या दरबार। कासब जीरा तेजाजी थे बडाजी।
कूल म दोय फुलड़ा बड़ा जी, एक बीरो दूजो राजन सरताज जी
बीरो ओढाई चुनड़ी जी, राजन रो सरग सुहाग। कासब जीरा तेजाजी थे बडाजी।
5) गोगाजी का गीत
काहे का तेरा गाड़ी रे गडुलना, काहे का दोय बैल।
अगड़ चंदन को गाड़ी रे गडुलनो, तो सुरही गऊ का दोय बैल।
गाडी जोड़ गडूलनो जोड़ों, चली बाबुल के देश। तो मत जा बाबुल के देश, धरती माँ से बसिक निकल्या।
तो लडियो बलद का पांव, गाडी भी अटक्यो गडुलन्यो भी अटक्यो।
6) जैतल का गीत
जागो ए जैतल बाई, थाने जगावन आई-2
तातो सो पानी लाई, तेल उबटना लाई-2
नहावो जैतल बाई, थाने न्हीलावन आई।
पात पीताम्बर लाई, सुंदर सी चुनड़ी लाई-2
ओढो ओढो जैतल बाई, थाने उढावन आई।
घस-घस चंदन लाई, लाल सिंदूर लाई-2
तिलक लगाओ जैतल बाई, थाने लगावन आई।
हलवा तो पूड़ी लाई, गोंद का लाडू लाई-2
जीमो ए जैतल बाई, थाने जिमावन आई।
गुड़ बिना चौथ नाई, जैतल बिना रतजगा नाई-2
चालो ए जैतल बाई, थाने बुलावन आई।
7) दिवला का गीत
भवन में दिवला जोर धरे-2
रातिजगा के गीत होय रहे।
काहे का दिवला काहे की बाती, परी काहे के धिरत जरे
सोने का दिवला कपूर की बाती, परी सूरई के धिरत जरे।
भवन में दिवला जोर धरे...।।1।।
कौन सँवारे दिवला बाती, कुन उजियारा करे।
पूत सँवारे दिवला बाती, बहू उजियारा करे।
भवन में दिवला जोर धरे...।।2।।
काहे को प्रसाद बनायो, किन भोग लगायो
हलवा को प्रसाद बनायो, मैया न भोग लगायो
भवन में दिवला जोर धरे... ॥3॥
8) सभी देवी देवता का गीत एक साथ
म्हारी माता ने मेह्मंद ल्यावोसा, देखण मत जावोसा,
म्हारा काना ने कुण्डल ल्यावोसा, देखण मत जावोसा
यो आगे आगे भोमिया, पाछे बजरंग बाला
यो झंडो भेरूनाथ को, ये अगवानी सातु बहना, या जल में आवे झूलती, अम्बर में आवे झूलती म्हारी कैला बीजासन माता।
वा जल में झूले शीतला, श्री कल्याण भोत्या वाला
वा मन्दिर बण्यो महादेव को, मैं जल चढ़ाबा आई
कोला में बाबो भरतरी, भण्डारो करबा आई
वा छीक चौथ को चूरमो, मैं भोग लगावा आई
वा मंदिर बन्यो संतोषी माता को, मैं गुड़ चना चढ़ाबा आई
वा मंदिर बन्यो रामदेव बाबा को, मैं ध्वजा चढ़ाबा आई
वा झांकी भोलानाथ की, मैं दर्शन करबा आई पीपल के नीचे पित्तरजी, मैं रात जगावा आई कुंआ पर बाबो भरतरी, मैं भंडारों करवा आई (इसी तरह सभी गहनों के नाम लेना)
म्हारा हाथा में चूड़ो लावोसा, देखण मत जावोसा म्हारी कमर ने कनकती ल्यावोसा, देखण मत जावोसा
यो आगे आगे भोमिया ,पाछे बजरंग बाला
म्हारा पावैं में बिछिया ल्यावोसा, देखण मत जावोसा
म्हारा कमर ने पटोलो ल्यावोसा, देखण मत जावोसा,
म्हारा चटिया ने अंगिया ल्यावोसा, देखण मत जावोसा
म्हारा सर ने पीला चूंदड़ ल्यावोसा, देखन मत जावोसा
यो आगे आगे भोमिया, पाछे बजरंग बाला जी
9) मेहंदी का गीत
(मेहंदी का गीत गाते वक्त मेहंदी के नाख़ून करते है)
रातिजगा की मेहंदी सती माता ने लगाई-2
वो तो रंग सुर्ख हुयो लाल,
जागरण होय रहयो।
रातिजगा की मेहंदी मेरी सास ने लगाई-2
बाके हाथों पे चढ्यो रे रंग लाल,
जागरण होय रहयो।
रातिजगा की मेहंदी मेरी जिठानी ने लगाई-2
वो तो टिपका लगाई झालरदार,
जागरण होय रहयो।
रातिजगा की मेहंदी मैं ने हाथों पे सजाई-2
म्हारे हाथा पे मैया की कृपा,
जागरण होय रहयो।
रातिजगा की मेहंदी, मेरी देवरानी ने लगाई-2
वा तो छम-छम नाचे देखो आज,
जागरण होय रहयो।
मेहंदी की निराली छबी, जगराता में छाई-2
माता सती को बरसे है आशिर्वाद,
जागरण होय रहयो।।
10) काजल को गीत
(जब काजल का गीत गाते है तब उपस्थित सभी लोग आंखों में काजल लगाते है)
रातिजगा को काजल, म्हारे गणपती बाबा के नाम को
या रातिजगा को काजल, म्हारे बजरंग बाला के नाम को
म्हारी सास नणंद सब आवे, आँखन में काजल डाले
वे तो मोदक लाडू लावे, बाबा को भोग लगावे ॥1॥
या रातिजगा को काजल, म्हारी कुलदेवी के नाम को
या रातिजगा को काजल, अम्बे माँ के नाम को म्हारी देवरानी जिठानी सब आवै, आंखण में काजल डाले
वे तो पुआ पापडी लावे, माता को भोग लगावे ॥2।।
या रातिजगा को काजल, चावड मैया के नाम को म्हारे संग कुटुंबी आवै, आँखन में काजल डाले
वे तो दाल-चावल बनावे, माता को भोग लगावै ।।3॥
या रातिजगा को काजल, भैरू बाबा के नाम को म्हारे घर के बेटा-पोता आवै, आँखन में काजल डाले
वे तो गुड को चुरमो लावै बाबा को भोग लगावै ॥4॥
या रातिजगा को काजल, म्हारे पितरा के नाम को या रातिजगा को काजल, म्हारे भूले-बिसरयो के नाम को
म्हारे सगे कुटुंबी सब आवै, आँखन में काजल डाले
वे तो सारी रात जगावै, सारे देवता नू मनावै
सारा जन छम-छम छम-छम नाचे, सब रातिजगा करवावै ॥5॥
11) पितर पातकडी का गीत अर्थात बिदाई का गीत
खाती का रे चतर सुजान बियानीलाल,
घडल्यारे देवी देवता जोगी पातकडी...
कांघे कुदाल, हाथ खखाडी, गया गया बनखंड बियानीलाल,
घडल्यारे देवी देवता जोगी पातकडी...॥1॥
म्हारा माताजी जोगो सिंहासन, घडल्याई रे बियानीलाल,
बीजासन रोगी रुढ़ियों पालनों,
म्हारा बालाजी जोगी घाटडल्यो,
घडल्याई रे बियानीलाल भैरूजी जोगो छाबुल्यो, म्हारा माताजी जोगो, बाबासारा जोघ बियानीलाल
थारी खातां जोवे पातकडी...
म्हारा खाती का ने पाम बियानीलाल,
खातन ने बहुरंग चूनड़ी
म्हारा खाती का ने सोहन मुखया बियानीलाल, खातन ने बहुरंग जुटना।
म्हारा खाती का ने करड़ कसार बियानीलाल, खातन ने लचपच लापसी...
म्हारा खाती का ने सीख दिलाय बियानीलाल, खातन ने दिन दस राखनस्या
म्हारा देवी देवता थे थांके घर जाव बियानीलाल, मैं थाने दियो रातिजगा,
अब तक तो म्हे साँचा, साँचा बोल्या
अब मैं झूठा बोलस्या।
जिन्हें पूरे 16 गीत गाने है उनके लिए बाकि के गीत इस प्रकार है...
1) पितर जी का गीत
म्हारे पितर देवता आओ, थारो रातिजगा है आज,
थारो रातिजगा है आज-2
म्हारे पितर देवता आओ, थारो रातिजगा है आज।
म्हारा सुसराजी आंगनिये, थारो थांब बनवायो है, हलवा पूडी पपडी का भोग हाथा सू बनवाया है, आओ रस-रस भोग लगाओ जिमो पितरजी महाराज,
म्हारे पितर देवता आओ...
म्हारा जेठ जी आंगनिये, थारो थांब बनवायो है, हलवा पूडी पपडी का भोग, हाथा सू बनवाया है, आओ रस-रस भोग लगाओ, जिमो पितरजी महाराज,
म्हारे पितर देवता आओ...
म्हारे आंगनियां मं आओ, अपनी किरपा सदा बरसाओ,
म्हारी भूल-चूल न कर दो माफ़, पितर जी महाराज,
मैं तो जानू नहीं कैसी सेवा करनी है महाराज, म्हारे पितर देवता आओ...
2) भैरव बाबा का गीत
छम-छम छम-छम नाच रहे है,
भैरू बाबा को जगरातो है आज-2
मोटे-मोटे घुंघरू उनकी कमर में बंधे है-2
पैरों में पैजनियां बज रही है,
भैरू बाबा को जगरातो है आज...
मोगरे की माला उनके गले में विराजे-2
हुंम हुंम हुंकारों गुंज रहयो है
भैरू बाबा को जगरातो है आज...
धूप घी वेशांंबरी की ज्योती जले है-2
पुए खीर के भोग लग रहे है,
भैरू बाबा को जगरातो है आज...
जो भी आए लेकर खाली झोली भर जाती है, बाबा की किरपा से सारी विपदा हर जाती है, सबके ही कष्ट बाबा दूर करे,
भैरू बाबा को जगरातो है आज...
3) हनुमान जी (बालाजी) का गीत
कठ स आया अर्जुन पांडे, कठ स आया हनुमान जी,
हनुमान प्यारा सहाय करो जी...
मथुरा से आया अर्जुन पांडे, गढ़ लंका स आया हनुमान जी,
हनुमान प्यारा...
किने जाया अर्जुन पांडे, किने जाया हनुमान जी, कुंती ने जाया अर्जुन पांडे, अंजनी ने जाया हनुमानजी
हनुमान प्यारा...
कठ उतरया अर्जुन पांडे, कठ उतरया हनुमान जी,
बागा म उतरया अर्जुन पांडे, बड़ पीपल हनुमान जी,
हनुमान प्यारा...
कठ नहावे अर्जुन पांडे, कठ नहावे हनुमान जी, गंगा नहावे अर्जुन पांडे, समुंदर झकोले हनुमान जी
हनुमान प्यारा...
कै पहरेगा अर्जुन पांडे, कै पहेरेगा हनुमान जी, कैसरिया वस्त्र अर्जुन पांडे, लाल लंगोट हनुमान जी
हनुमान प्यारा...
कै चिरचेगा अर्जुन पांडे, कै चिरचेगा हनुमान जी, केसर तिलक अर्जुन पांडे, तेल सिंदूर हनुमान जी
हनुमान प्यारा...
कै जिमेगा अर्जुन पांडे, कै जिमेगा हनुमान जी, लड्डू पेडा अर्जुन पांडे, मलिदो हनुमान जी
हनुमान प्यारा...
कै पिवेगा अर्जुन पांडे, कै पिवेगा हनुमान जी, गंगाजल झारी अर्जुन पांडे, दूध पताशा हनुमान जी
हनुमान प्यारा...
कै चाबेगा अर्जुन पांडे, कै जाबेगा हनुमान जी, लौंग़ इलायची अर्जुन पांडे, पान का बिडला हनुमान जी
हनुमान प्यारा...
कब सुमरेगा अर्जुन पांडे, कब सुमरेगा हनुमान जी,
सुख में सुमरू अर्जुन पांडे, भीड़ पडे हनुमान जी हनुमान प्यारा...
कांई जित्या अर्जुन पांडे, काई जित्या हनुमान जी,
महाभारत जित्या अर्जुन पांडे, गढ़ लंका हनुमान जी
हनुमान प्यारा...
जैसा कारज रामजी का सराय, वैसा कारज सब परिवार का सारो जी,
जैसा कारज माता सीता का सराय, वैसा सब सासु बहु, देवरानी-जिठानी का सारोजी
हनुमान प्यारा...
4) भोम्याजी का गीत
दादी बरजे भोम्या थारी, ताई बरजे रे
उस नटणी रे लारे, भोमिया मत जाईजोजी
कल्ला खेलनी रे लारे, भोम्या मत जाजो जी
मत बरजो दादी म्हारी, मत बरजो ताई म्हारी
उस नटनी रो नाच, म्हाने प्यारो लाग जी
कल्ला खेलनी रो नाच, म्हाने प्यारो लाग जी
म्हारा जीत का नगाड़ा, चारो ओर बाजे जी
(इसी तरह चाची, भाभी, मामी, मावसी, भुआ और बहनों के नाम लेना)
5) छींक चौथ माता का गीत
थाने चौथ माता टूटी तो टूटी म्हारी माय
थाने प्रकाश सा सुदीप सा टूटी तो टूटी म्हारी माय
हिवड़ा उपर राखूं थाने, जीवड़ा उपर राखूं
तो राखूं म्हारा कालजारी कोर मोरी माय
सोना मेर घडाऊ थाने, रूपा मेर घड़ाऊँ
तो राखूं म्हारा कालजारी कोर मोरी माय।
दूधा से नहाऊं ए, माता दहिया से नहाऊं
तो
गंगाजल में झकोला दिलाऊँ मोरी माय।
पाटे बिठाऊँ माता चौकिए बिठाऊँ,
तो
सिंहासन पे थाने बिठाऊँ मोरी माय
लाडू से जिमाऊ माता, पेड़ा से जिमाऊं
तो
लापसड़ी रो, भोग लगाऊं मोरी माय
तो राखूं म्हारा कालजारी कोर मोरी माय
(इसी तरह सभी पुरुषों के नाम लेना)
6) रामदेव जी का गीत
ठुमक-ठुमक हाले बाबा रे घोडलियो,
घोड़ा री खुरताल पड़े।
मालीजी के घर आयो बाबा रो घोड़लियो
फुलड़ा चढ़ाऊँ म्हारा, राणाजीरा राजा
घोड़ा री खुरताल पड़े।
बाण्या रे घर आयो बाबा रो घोड़लियो,
नारेला री मनवार करे।
ज्योत जगाऊं म्हारा राणाजिरा राजा,
भक्त थारी मनवार करे।
ठुमक-ठुमक हाले बाबा रे घोडलियो....
दरजी के घर आयो बाबा रो घोड़लियो,
ध्वजा री मनवार करें।
ध्वजा चढ़ाऊं म्हारा राणाजिरा राजा,
भक्त थारी मनवार करें।
ठुमक-ठुमक हाले बाबा रे घोडलियो...
कुम्हारजी के घर आयो बाबा रो घोड़लियो,
कलशिया री मनवार करें।
कलशिया झेलो जी, राणाजीरा राजा,
भक्त थारी मनवार करें।
ठुमक-ठुमक हाले बाबा रे घोडलियो...
कंदोया के घर आयो बाबा रो घोड़लियो,
लाडुला री मनवार करें।
भोग लगाऊं म्हारा राणाजिरा राजा,
भक्त थारी मनवार करें।
ठुमक-ठुमक हाले बाबा रे घोडलियो...
लवारिया के घर आयो बाबा रो घोड़लियो,
भाला री मनवार करें।
भाला झेलोनी म्हारा राणाजिरा राजा,
भक्त थारी मनवार करेंं।
ठुमक-ठुमक हाले बाबा रे घोडलियो...
मोचीजी के घर आयो बाबा रो घोड़लियो,
मोजरिया री मनवार करें।
मोजरिया फेरोनी म्हारा राणाजिरा राजा,
भक्त थारी मनवार करें।
सामान्यतः रातिजगा के ये 16 गीत गाए जाते है। लेकिन अपने अपने घर के रिवाज के अनुसार इनमें थोड़ा बहुत फर्क होता है। जैसे कि कोई भानजा, बीबी, भांग, कूलदेवी का गीत भी गाते है।
डिसक्लेमर-
यह जो 16 गीतों की सूची है वह मैं ने कई बुजर्ग महिलाओं से पूछकर तैयार की है। सच्चाई यह है कि ज्यादातर बड़ो को भी कौन से 16 गीत गाए जाते है इसकी जानकारी नहीं है। मुझे कई महिलाओं से यहीं जबाब मिला कि गितेरण (गीत गानेवाली) आकर गीत गा लेती है। वास्तव में कौन से गीत गाना चाहिए इसका पता नहीं है। खैर, जिन लोगों को जानकारी थी उनके हिसाब से यह लिस्ट बनाई हूं। कुछ घरों के हिसाब से इसमें कुछ फेरबदल हो सकता है। जैसे कि जिस घर की बुजुर्ग महिला की सुहागन के रूप में मौत होती है, उस घर के वंशज पितर जी के साथ साथ पितरानी का भी गीत गाते है।
पितरानी का गीत
कठ स आया ए पितरानी प्यारा पावणा
कठ लियो ए मुकाम, पितरानी प्यारा पावणा।
सुरगापात स आया ए पितरानी प्यारा पावणा
तुमसर मं लियो ए मुकाम, पितरानी प्यारा पावणा।
चंदन चौकी पितरानी थाने बैठना,
दूध पखारांगा पांव, पितरानी प्यारा पावणा।
चावल राँधा जी पितरानी उजला, हरा मूंग की दाल। पितरानी प्यारा पावणा।
घी बरतवा पितरानी थाने टोकना, पापड़ तलूँगी पचास। पितरानी प्यारा पावणा।
फलका तो पोवां पितरानी थारा पतला पतला, तीवन तीस बत्तीस। पितरानी प्यारा पावणा।
थाल परोसजी थाली कूल बहू, पायल की झनकार। पित्तरानी प्यारा पावणा।
जिमत नीरखजी पितरानी थारी आँगनी।
जिमया तो जुठयाजी पितरानी थारा पावणा।
पितर पातकडी का गीत गाने के बाद घर का सबसे बड़ा पुरुष व्यक्ति चौरस्ते पर एक लोटा जल ढालके आता है। उसके बाद थोड़ी देर सो जाते है। फिर सुबह सूरज निकलने से पहले निम्नलिखित 6 गीत गाते है।
1) न्यौता-
बधाई हो बधाई, बन्ने की शादी आई-2
मैं ने न्यौता दिया भगवान को-2
बधाई हो बधाई, बन्ने की शादी आई।
पहला न्यौता मैं ने गणपति जी को भेजा-2
वो तो दौड़े-दौड़े आए, संग में रिद्धि-सिद्धि लाए-2
मैं ने न्यौता दिया भगवान को-2 ।।1।।
दूसरा न्यौता मैं ने ब्रम्हाजी को भेजा-2
वो तो दौड़े-दौड़े आए, संग ब्रम्हाणी को लाए-2
मैं ने न्यौता दिया भगवान को-2 ।।2।।
तीसरा न्यौता मैं ने विष्णुजी को भेजा-2
वो तो दौड़े-दौड़े आए, संग में लक्ष्मी जी को लाए-2
मैं ने न्यौता दिया भगवान को-2 ।।3।।
चौथा न्यौता मैं ने शिवजी को भेजा-2
वो तो दौड़े-दौड़े आए, संग गौरी मैया को लाए-2
मैं ने न्यौता दिया भगवान को-2 ।।4।।
पांचवा न्यौता मैं ने राम जी को भेज-2
वो तो दौड़े-दौड़े आए, संग सीता मैया को लाए-2
मैं ने न्यौता दिया भगवान को-2 ।।5।।
छठवां न्यौता मैं ने कृष्ण जी को भेजा-2
वो तो दौड़े-दौड़े आए, संग राधा-रुक्मिणी जी को लाए-2
मैं ने न्यौता दिया भगवान को-2 ।।6।।
बधाई हो बधाई, बन्ने की शादी आई...
2) बियाना
उठ रानी उठ राजाजी थे तो उठो देवो का देव
बियाना हो राजा राम का।
थे तो उठो जी सगळा देवी देवता आप
सती माता, पितर, कैला बीजासनी आप
बियाना हो राजा राम का।
थाने जी सुता न सरे, थांके घर है जी थारे सेवकडारो ब्याह
बियाना हो राजा राम का। ।।1।।
उठ रानी उठ राजाजी थे तो उठो दादाजी ताऊजी रा पूत
बियाना हो राजा राम का।
थाने जी सुता न सरे, थांके घर है जी थारे पोता, बेटा रो ब्याह
बियाना हो राजा राम का।। ।।2।।
(इसी तरह बाबूजी, चाचाजी, भैयाजी, मामाजी आदि सभी के नाम लेना)
3) दातन
श्रीराम जी दातन कर लोना, महादेव जी दातन कर लोना
गजानन जी दातन कर लोना, सूरज जी दातन कर लोना
कुलदेवी जी दातन कर लोना, कुलदेवता जी दातन कर लोना
म्हारा सेवकों दातन कायको, म्हारा सेवकों झारी कायक़ी
देवी देवता दातन उंगाका, देवी देवता झारी सोनाकी
(इस तरह परिवार के जवाई भाई के नाम लेना)
4) दूध-
तू तो दुध भर गागर लाय रे, राजा राम की कलाल।
तू तो दुध श्री रामचंद्र जी ने प्याये, राजा राम की कलाल।
तू तो दुध महादेव जी ने प्याये, राजा राम की कलाल।
तू तो दुध गजानन जी ने प्याये, राजा राम की कलाल।
तू तो दुध सूरज जी ने प्याये, राजा राम की कलाल।
तू तो दुध कुल देवता ने प्याये, राजा राम की कलाल।
तू तो दुध कुल देवी ने प्याये, राजा राम की कलाल।
थे तो देवी देवता बड़ा ये दातार, राजा राम की कलाल।
हीरा मोती करसी दान, राजा राम की कलाल।
वो तो चाचा-भतिजा बड़ा ही दातार, राजा राम की कलाल।
वो तो सोना चांदी रो करसी दान, राजा राम की कलाल।
(इसी तरह घर के पुरुषों के नाम लेना)
5) झालर-
(झालर के बिना रातिजगा अधूरा माना जाता है)
अंबर ऊपर देवी देवता जागियो-2
नीचे महाजन लोग।
कि झालर बाजे राजा राम की, श्री भगवान की।
पाटा पर बिंदायक बाबा जागियो
पाटा पर सती माता जागियो
जागो जागो सब देवी देवता
बियाना ओ राजा राम का ।।1।।
मंदिर में बालाजी जागियो
मंदिर में भैरूजी, भौमिया जी जागियो
पीपल में पितरजी जागियो
जागो जागो सब देवी देवता
बियाना ओ राजा राम का ।।2।।
तुमसर, तिरोडा में बाबाजी काकाजी जागियो
कामठी में जवाई जागियो
तेल्हारा में नाना मामा जागियो
जागो जागो जी महाजन का लोग
बियाना ओ राजा राम का
कि झालर बाजे राजा राम की,
श्री भगवान की ।।3।।
6) सूरज जी
उगंता सूरज तेर जोडू दोनू हाथ-2
बेटा तो थे ऐसा दीज्यो, बुझ मन की बात-2
उगंता सूरज....
बहू तो थे ऐसी दीज्यो, पुरस उजला भात-2
उगंता सूरज...
बेटी तो थे ऐसी दीज्यो, राख कूल की लाज-2
उगंता सूरज...
देवर-जेठ तो ऐसा दीज्यो, बैठ भाई भाई साथ-2
उगंता सूरज...
दोर जिठानी ऐसी दीज्यो, कर दिल की बात-2
उगंता सूरज...
भाई-भाई ऐसा दीज्यो, साथ रह परिवार-2
उगंता सूरज तेर जोडू दोनू हाथ।।
शादी होने के बाद जब बहू घर आती है तब भी रातिजगा होता है। लेकिन इस रातिजगा में अब सिर्फ 8 ही गीत गाए जाते है। पहले बहू को उतारने का और थालियां सरकाते वक्त का गीत गाते थे, अब नहीं गाते।
1 बड़ा बिंदायक
2 सती माता
3 जैतल
4 मावल्या
5 सभी देवी-देवता का गीत
6 पितर पाटकडी
सभी देवी देवता वाला गीत गाने से हमें 8 की जगह 6 ही गीत गाने पडेंगे। भैरव जी, पितर जी और हनुमाजी का गीत गाने की जरूरत नहीं है। यदि आप गाना चाहते है तो गा सकते है।
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