मृत्युभोज: एक प्रथा जिसे हमने कुप्रथा बना दिया!

जब मृत्युभोज के खिलाफ समाज मे रोष है तो फिर आज भी मृत्युभोज का आयोजन बड़े पैमाने पर क्यों किया जाता है? गरीब लोग कर्ज लेकर भी मृत्युभोज क्यों करवाते है

मृत्युभोज: एक प्रथा जिसे हमने कुप्रथा बना दिया!

सामाजिक कार्यक्रमों में एवं सोशल मीडिया पर मृत्युभोज को एक कुरीति कहा जा रहा हैं। सोचने वाली बात ये है कि जब मृत्युभोज के खिलाफ समाज मे इतना रोष है तो फिर आज भी समाज में मृत्युभोज का आयोजन बड़े पैमाने पर क्यों किया जाता है? गरीब लोग कर्ज लेकर भी मृत्युभोज का आयोजन क्यों करते है? असल में मृत्युभोज करवाने का जो मूल उद्देश्य था वो गलत नहीं था। आज दिखावे के चक्कर में मृत्युभोज की प्रथा को हमने कुप्रथा बना दिया है। 

मृत्युभोज की शुरुआत कैसे हुई? 
हमारे पुर्वजों ने मृत्युभोज की शुरुवात बहुत सोच-समझ कर की थी। प्रियजन की मृत्यु से परिवार के लोग बेहद दुखी रहते थे। दुखी रहते वे खाना तक नहीं खाते थे जिससे वे बीमार पड़ कर अशक्त हो जाते थे। कुछ लोग तो सदमे में आत्महत्या तक कर लेते थे। जाने वाले के साथ कोई जा नहीं सकता, चाहे वह उसका कितना ही प्रिय क्यों न हो! अपने प्रियजन की मृत्यु के दु:ख से बाहर आना हर इंसान के लिए जरुरी है। इसलिए ये व्यवस्था की गई कि मृतक के खास परिचित एवं रिश्तेदार 12-13 दिन मृतक के परिजनों के पास ही रहेंगे और परिवार वालों को धीरज बंधा कर उनका दुख कम करने की कोशिश करेंगे। परिचित एवं रिश्तेदार मृतक के घर पर अनाज, फल, वस्त्र और अन्य सामग्री लेकर जाते थे ताकि मृतक के परिवार पर आर्थिक बोझ न पडे। इसी सामग्री से खाना बनता था। रिश्तेदार मृतक के परिवार वालों को प्यार से मनुहार कर खाना खाने बाध्य करते थे। लेकिन इस दौरान भोजन सादा ही रहता था ताकि परिवार वालों को ख़राब न लगे। फ़िर 12 वे या 13 वे दिन ऐसे सभी परिचित या रिश्तेदार जमा होते थे जो अब तक न आ पाएं हो। मृतक का परिवार इन सभी के भोजन की व्यवस्था करता था जिसे मृत्युभोज कहा जाता था।
सिर्फ़ राजा महाराजा लोग एवं अमीर लोग पूरे गांव का भोज रखते थे। आम इंसान ज्यादा लोगों को मृत्युभोज नहीं देता था और न ही मृत्युभोज में ढेर सारे पकवान बनाए जाते थे। इस तरह मृत्युभोज की शुरुआत हुई।  

मृत्युभोज मौत का जश्न नहीं हैं! 
परिजन की मृत्यु से हुई क्षति तेरह दिनों के बाद न तो पुर्ण होती हैं और न ही उनसे बिछड़ने का गम समाप्त होता हैं। दुख प्रकट करने दूर-दूर से आये रिश्तेदारों और परिचितों को भोजन कराना उचित है। लेकिन पूरे समाज को भोज कराने का क्या कारण है? क्या मौत का जश्न मनाने के लिए मृत्युभोज का आयोजन किया जाता है? हमें यह समझना होगा कि मृत्युभोज मौत का जश्न नहीं है। 

मृत्युभोज की प्रथा गलत नहीं थी हमने उसे कुप्रथा बना दिया!! 
• दुख प्रकट करने बाहर से आए हुए लोगों को खाना खिलाना गलत नहीं था। लेकिन एक गरीब व्यक्ति जिसके घर खाने के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध न हो उसे मृतक की आत्मा की शांति के लिए मृत्युभोज के लिए मजबूर करके हमने इसे कुप्रथा बना दिया! क्योंकि मृत्युभोज के लिए उसे कर्ज लेना पड़ेगा और वो गरीब व्यक्ति कर्ज के बोझ से बरबाद हो जाएगा। कुछ लोगों का कहना होता है कि समाज किसी व्यक्ति पर कर्ज लेकर मृत्युभोज करवाने के लिए दबाव नहीं डालता। कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से मृत्युभोज करवाता है। सोचने वाली बात ये है कि भले ही समाज मृत्युभोज के लिए दबाव न डालता हो लेकिन हर व्यक्ति को लगता है कि यदि मैं ने मृत्युभोज नहीं करवाया तो समाज में मेरी बदनामी होगी...इसी डर से न चाहते हुए भी कर्ज लेकर गरीब लोग मृत्युभोज करवाते है। 
• मृत्युभोज गलत नहीं है, गलत है...जिस बेटे ने जीते-जी माता-पिता को एक ग्लास पानी न पिलाया हो उसके द्वारा लोकलाज के डर से मृत्युभोज करवाना! 
• मृत्युभोज गलत नहीं है, गलत हैं...मृत्युभोज में ढेर सारे व्यंजन परोसकर अपनी संपन्नता का प्रदर्शन करना! अपनी संपन्नता प्रदर्शित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को भोज देना। मृत्युभोज सिर्फ़ खास परिचित और रिश्तेदारों को ही दिया जाना चाहिए एवं मृत्युभोज में हलवा-पूरी न बना कर सादा भोजन ही बनाना चाहिए। यदि आपको अपनी संपन्नता का प्रदर्शन करना ही हैं तो मृतक के नाम पर किसी अनाथालय में दान दीजिए, किसी गरीब की सहायता कीजिए या स्कूल-कॉलेजो में मृतक के नाम पर कुछ राशी का इनाम घोषित कीजिए ताकि वो राशी हर साल प्रथम आने वाले छात्र को उपहार स्वरुप दी जाएं। इससे छात्रों को प्रेरणा मिलेगी और मृतक का नाम भी होगा। 
• मृत्युभोज गलत नहीं है, गलत है...आने वाले मेहमानों को स्मृतिचिन्ह देना।  पहले आने वाले मेहमानों को स्मृतिचिन्ह इसलिए दिए जाते थे ताकि मेहमानों को यह एहसास दिला सके कि मृतक के दुनिया से चले जाने के बाद भी उसके संबंधियों का घर से नाता बना रहे। परिवार व रिश्तेदार एकजुट रहें। पहले के जमाने में सभी परिचित एवं रिश्तेदार मृतक के घर कुछ न कुछ लेकर जाते थे। तो ऐसे में यदि वे परिचित एवं रिश्तेदारों को स्मृतिचिन्ह देकर बिदा करते थे तो भी उन पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता था। लेकिन अब मृतक के घर कुछ लेकर जाने की प्रथा बंद होने से स्मृतिचिन्ह का अतिरिक्त भार मृतक के परिवार वालों पर पड़ता हैं। 
• मृत्युभोज गलत नहीं है, गलत है...आने वाले मेहमानों की अनुचित अपेक्षाएं! कई मेहमान ऐसे दु:खी माहौल में भी परिवार वालों के दु:ख की पर्वा न कर सिर्फ़ खुद की सुविधाओं के बारे में सोचते है जो गलत है। 

मृत्युभोज क्यों नहीं करना चाहिए? 
• महापुरुषों ने मृत्युभोज का जोरदार ढंग से विरोध किया है। जिस भोजन को बनाने का कृत्य जैसे आटा गूंथा जाता है तो रोकर एवं पूड़ी बनाई जाती है तो रोकर यानि हर कृत्य आँसुओं से भीगा हुआ होता है। यहाँ तक कि खाना खिलाने वाला खाना खिलाता है तो आंसू बहा कर और खाना खाने वाला भी खाता है तो आंसू बहा कर। ऐसे आंसुओं से भीगे निकृष्ट भोजन एवं तेरहवीं भोज का पूर्ण रूपेण बहिष्कार कर समाज को एक सही दिशा देनी चाहिए। 
• जानवर भी अपने साथी के बिछड़ जाने पर उस दिन चारा नहीं खाते है और अपने आप को बुद्धिमान मानने वाला इंसान अपनों की मृत्यु पर हलवा-पूड़ी खाकर शोक मनाने का ढोंग रचता है...इससे निंदनीय कोई कार्य हो ही नहीं सकता! 
• मृत्युभोज शास्त्र सम्मत नहीं है। किसी भी धर्म ग्रन्थ में मृत्युभोज का विधान नहीं है बल्कि महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है कि मृत्यु भोज खाने वाले की ऊर्जा नष्ट हो जाती है। 
• अंतिम संस्कार 16 वां संस्कार है। 17 वां संस्कार मृत्युभोज कहां से आ गया? यह किसी के लिए दिखावा है, तो ज्यादातर के लिए मजबूरी कि समाज क्या कहेगा...! ऐसा दिखावा किस काम का, जो गरीब को कर्जदार बना दे। 

मृत्युभोज बिल्कुल बंद होना चाहिए। दोस्तों, हम मृत्युभोज करवाने वाले को तो मना नहीं कर सकते लेकिन यदि हम स्वयं ऐसे आयोजनों में न जाए तो धीरे-धीरे ही सही लोगों को लगने लगेगा कि मृत्युभोज में लोग नहीं आते है...और इस सोच के चलते शायद इस कुप्रथा पर अंकुश लग जाए! 

मृत्यु भोज पर एक कविता पढ़ी थी उसका यहां उल्लेख करूंगी- 

जिस आँगन में पुत्र शोक
 से बिलख रही माता, 
 वहाँ पहुच कर स्वाद जीभ का 
तुमको कैसे भाता? 

पति के चिर वियोग में 
व्याकुल युवती विधवा रोती, 
बड़े चाव से पंगत खाते 
तुम्हें पीर नहीं होती? 

मरने वालों के प्रति अपना 
 सद्व्यवहार निभाओ, 
 धर्म यही कहता है बंधुओ 
मृतक भोज मत खाओ! 

चला गया संसार छोड़ कर
 जिसका पालन हारा, 
 पड़ा चेतना हीन जहाँ 
पर वज्रपात दे मारा। 
 खुद भूखे रह कर भी 
परिजन तेरहबी खिलाते, 
 अंधी परम्परा के पीछे 
जीते जी मर जाते! 

इस कुरीति के उन्मूलन का 
 साहस कर दिखलाओ, 
 धर्म यही कहता है बंधुओ, 
मृतक भोज मत खाओ!! 

 दोस्तों, ये मेरे अपने विचार हैं...जरुरी नहीं कि आप इससे सहमत ही हो। आप की क्या राय है टिप्पणी के माध्यम से जरूर बताइएगा। 

Keywords: mrityubhoj, pratha, 

COMMENTS

BLOGGER: 14
  1. मृत्युभोज पर आपने श्रमसाध्य आलेख लिखा। हमारे यहाँ भी मृत्युभोज की प्रथा है। लेकिन यह स्वैच्छिक और सामर्थ्य अनुसार है। बहुत से लोग आमंत्रण स्वीकार कर भी नहीं जाते। जवान मौत पर कोई मृत्यु भोज नहीं। ध्यान देने वाली बात यही है कि न खिलाने के लिए जबरदस्ती है ना खाने के लिए ही दबाव है कि भाई आपको खाना ही पड़ेगा। कुछ इस तरह की व्यवस्था है। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 24 जुलाई 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मेरी रचना को पांच लिंको का आनन्द में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, यशोदा दी।

      हटाएं
  3. हमेशा की तरह बहुत ही शानदार और सार्थक लेख! प्रिय दी! आपने बिल्कुल सही कहा दिखावे के चक्कर में हमने एक प्रथा को कुप्रथा बना दी! और जब कोई प्रथा कुप्रथा बन जाए तो उस प्रथा को खत्म हो जाना ही जरूरी है!

    जवाब देंहटाएं
  4. आपने अत्यन्त श्रम करके एक सार्थक लेख लिखा है। मेरे पिता के निधन के उपरांत भी मुझ पर आसपड़ोस वालों, मोहल्ले वालों एवं कुछ संबंधियों ने दबाव डालकर मृत्युभोज करवाया था। यह निश्चित रूप से अनुचित है। इस कुप्रथा को बंद होना ही चाहिए। वीरेंद्र जी ने भी अपनी टिप्पणी में कुछ सार्थक विचार रखे हैं। मनीषा जी ने भी ठीक कहा है कि जब कोई प्रथा (चाहे प्रारंभ में एक सात्विक उद्देश्य रखती हो) कुप्रथा बन जाए (बना दी जाए) तो उसे समाप्त ही कर दिया जाना चाहिए। इस संदर्भ में मैं आपकी भावनाओं एवं विचारों के साथ हूँ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सार्थक लेख सखी आपके श्रमसाध्य परिश्रम को नमन

    जवाब देंहटाएं
  6. मृत्युभोज पर बहुत ही जरूरी और विचारणीय आलेख ।पूर्णतया सहमत हूं।
    मेरे यहां भी ये प्रथा बहुत प्रचलित है, मैं तो मृत्युभोज के अलावा हर उस भोज के खिलाफ हूं जो अपनी सामर्थ्य से ज्यादा किया जाता है ।
    इस तरह के भोज को लेकर मैंने अपने गांव में काफी पहले आवाज़ उठाई थी । मैं कई गरीब बच्चियों को छुट्टियों में पढ़ाती थी, वे बेचारी बचपन में सारे काम करती थीं सिवाय विद्यालय जाने के,और शादी के वक्त उनके मां बाप कर्ज लेकर फिजूल के लोगों को एक हफ्ते दावत खिलाते थे और अपनी बेटियों को कहीं किसी निठल्ले के हाथ मढ़ देते थे ।
    हालांकि मेरी बात का कुछ बुजुर्गों ने सम्मान किया और माना ।
    इसी विषय पर अभी मैंने एक कविता डाली है "सावन आने वाला है "!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जिज्ञासा दी, आप छुट्टियों में गरीब बच्चियों को पढ़ाती थी यह जानकर बहुत खुशी हुई। समाज मे जो भी कुप्रथाएं है उन पर अंकुश लगाने के लिए हम जैसो को ही कोशिश करनी होगी।

      हटाएं
    2. मृत्युभोज रोकथाम रचना

      ● जागो हुक्मरान न्यूज नाम लेते ही एक ऐसा दृश्य आँखों के सामने आ जाता है जिसमें एक ऐसा घर जिसने अपना एक महत्वपूर्ण सदस्य खोया है उसके गम से परिवार के सदस्य रूदन क्रुदन कर रहे है और दूसरी तरफ कुछ लोग भीड़ के रूप में आ रहे है और दो मिनट का मसांगिया बैराग वाला शौक परिवार के सदस्यों से प्रकट करके वहां लगे एक बड़े से टेंट जो कि पहले से ही लबालब भरा है में घुस जाते है और फिर शुरू होता है एक बड़े से घेरे में दस बारह लोगों का एक साथ बैठ कर दावत का दौर खूब खिल खिलाकर डट के हलवा पूरी, नुगती लड्डू का भोग लगाया जाता है यह भूलकर कि जहां वो भोजन कर रहे है वहां पर एक मनुष्य की मौत हो रखी है पर किसे फर्क पड़ता है घर वाले को तो लोकलाज और परिवार व गांव वालों के दबाव में यह सब करना पड़ता है पर खाने वाले की क्या मजबूरी है पता नहीं क्या कोई व्यक्ति मृत्यु भोज नहीं खाने पर जीवित नहीं रह सकता, जरूर रह सकता है मुझे (मृत्यु भोज) गिध्दभोज छोड़े हुए लगभग आठ दस साल हो गये, और कभी कोई दिक्कत भी नहीं हुई, कई बार रिश्तेदारी में औसर में जाना भी पड़ता है तो बैठक में बैठ कर आ जाते हैं कभी कोई दिक्कत नहीं हुई इस तरह सब लोग व्यक्तिगत्त रूप से ही इसका त्याग कर दे तो यह कम हो सकता है पर कुछ लोगों को पता नहीं क्या हो रखा है इस कोरोना जैसी महामारी में भी लुक छिप कर मृत्युभोज किया भी और लोगों ने छक कर खाया भी तो क्या जिन्दा मनुष्यों की जान से ज्यादा जरूरी है मृत्युभोज इस प्रकार यह कुरीति हमारे समाज में गहरे तक बैठ चुकी है इसे जड़ से उखाड़ने का समय आ गया है इसको बंद करने के लिए बुजुर्गों के सानिध्य में युवाओं को आगे आ करके पहल करनी

      चाहिए। मैंने अपनी लेखनी संग मेरे दर्द भरे शब्दों को पिरोया है बुध्दिजीवीयों व नव पीढ़ी से अपेक्षा करता हूं आप सब इन शब्दों पर गौर करेंगे

      मृत्युभोज रचना

      शब्द शब्द बहु अंतरा, शब्दा हाथ न पांव। एक शब्द बण औषधि एक शब्द बण घाव ।। भोज भला घणा जगत में, ज्यां मन मोठी आश पण समूत्युभोज मत करो जो करे पीढीयां नाश।। घर से मौनी मर ग्ये ग्यो बिलखता छोड़। सगिध्दभक्षी राजी भया, बैठा गोडा जोड़। एक आवे दुजो उठे करे हथाया जोर।
      घर में जगत जननी जो रोय मचावे शोर।।
      कुछ परिवार रोवता ज्यारे उभे नी नेणे नीर
      हाडा तो होंडी तरसे कुण बंधावे धीर।।
      बारह खेड़ा भेळा हुया बांधे बातों री भींत सोळह मण से खिचड़ो, आ बढेरी रीत।।
      पूछे ना परिवार ने मांगे पींपा पचीस ।
      जो कोई माणस मुकर जा, पंचो ने आवे रीस ।।
      ताना मारे तेरह जिणा, करें वाणियें सूं बात।
      गेणों गोठी बोध पोटली, करे जमी अडोणी री बात ।।

      डोडा पीवे डोकरा मद पीवें युवराज ।
      तेरह दिन धमतड़ मचे जद पूर्ण होवे काज।।
      खेत बिक्यो खड़तू रो, कर्जो भयो अपार ।
      पल भर री परछाई में जीवन हो लाचार ।।
      मृत्युभोज ने मार दियो, जी ते जी परिवार।
      इण कारज ने बंद करो, सोचो नई सुधार।।
      पाखंडी पंचो सुणो, सुणी पंडा हरिद्वार।
      सर्ग नर्क री चौकड़ी, अब ना आवे लार।।

      करो कमाई नेक री, शिक्षा अलख जगाय ।
      मानुष जन्म सफल हो, जग में नाम कमाय ।।

      मृत्युभोज मत करो समझो नर सुजान।
      नर्क गति में नोखदे, नव पीढी निर्माण ।।

      मेघ निम्बे की विणती, मत करो मृत्युभोज ।
      करो कमाई नेक री, धाप खाओ रोज।
      Nr bajad tapra +919636982549

      हटाएं
  7. सार्थक लेख । 13 दिन व्यवस्था अब अपनी सुविधानुसार कम होती जा रही है लेकिन भोज में कहीं कोई कमी नहीं । सहमत हैं आपके लिखे से ।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सार्थक और विचारणीय लेख

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही विचारणीय एवं सार्थक लेख ।
    मृत्युभोज किसी भी अवस्था में उचित नहीं ।

    जवाब देंहटाएं

नाम

'रेप प्रूफ पैंटी',1,#मीटू अभियान,1,#साड़ीट्विटर,1,10 मिनट रेसिपी,1,14 नवम्बर,1,15 अगस्त,4,1अक्टुबर,1,25 दिसम्बर,1,26 जनवरी,1,5 मिनट रेसिपी,1,5000 रुपए किलों का गुड़,1,6 नमकीन रेसिपी,1,6 मिठाई रेसिपी,1,8 मार्च,5,9 वी सालगिरह,1,अंंधविश्वास,1,अंकुरित अनाज,1,अंगदान,1,अंगुठी,1,अंगूर,2,अंगूर की जेली,1,अंगूर की लौंजी,1,अंगूर की सब्जी,1,अंग्रेजी,2,अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस,7,अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस,2,अंतिम संस्कार,1,अंधविश्वास,22,अंधश्रद्धा,20,अंधश्रध्दा,4,अंश,1,अग्निपरीक्षा,1,अग्रवाल,1,अग्रसेन जयंती,1,अग्रसेन जयंती की शुभकामनाएं,1,अचार,15,अच्छी आदतें,1,अच्छी पत्नी,1,अच्छी पत्नी चाहिए तो...,1,अच्छी ससुराल,1,अच्छे काम,1,अजब-गजब,3,अजय नागर,1,अतित,1,अदरक,1,अदरक का चूर्ण,1,अदरक-लहसुन पेस्ट,1,अधिकमास,1,अनमोल वचन,10,अनरसा,2,अनास्तासिया लेना,1,अनियन रिंग्स,1,अनुदान,1,अनुप जलोटा,1,अनोखा गिफ्ट,1,अनोखी शादी,1,अन्न,1,अन्य,39,अन्याय,1,अपमान,1,अपाहिज,1,अपेक्षा,1,अप्पे,4,अभिमान,1,अमरुद,1,अमरूद की खट्टी-मीठी चटनी,1,अमावस्या,1,अमावस्या को बाल धोना,1,अमीरी,1,अमेजन,1,अयोध्या,1,अरबी,1,अरुणा शानबाग,1,अरुनाचलम मुरुगनांथम,1,अलगाव,1,अवधेश,1,अवार्ड,2,अशोक चक्रधारी,1,असली हीरो,24,अस्पताल,1,अस्पतालों में बच्चों की मौत,1,आंवला,9,आंवला अचार,1,आंवला कैंडी,2,आंवला गटागट,1,आंवला चटनी,2,आंवला चुर्ण,1,आंवला मुरब्बा,1,आंवला लौंजी,1,आंवला शरबत,1,आंवले का अचार,1,आंवले का शरबत,1,आंवले की गटागट,1,आंवले के 8 व्यंजन,1,आइसक्रीम,1,आईसीयू ग्रेंडपा,1,आग,1,आज के जमाने की अच्छाइयां,1,आजादी,3,आज़ादी,1,आटे की चकली,1,आठवी सालगिरह,1,आतंकवादी,2,आत्महत्या,6,आत्मा,1,आदित्य तिवारी,1,आप बीती,1,आम,12,आम का अचार,1,आम का जैम,1,आम का पना,2,आम का मुरब्बा,2,आम की बर्फी,1,आम पापड़,1,आमरस,1,आयशा खान,1,आयशा सुसाइड साबरमती,1,आरओ,1,आरक्षण,3,आरती मोर्य,1,आलिया भट्ट,1,आलू,10,आलू की पापडी,1,आलू की मठरी,1,आलू की सब्जी,1,आलू के फिंगर्स और बॉल्स,1,आलू के लच्छेदार पकोड़े,1,आलू को स्टोर करना,1,आलू पापड़,1,आलू पोहा अप्पे,1,आलू प्याज के स्टफ्ड पकोड़े,1,आलू मसाला पूरी,1,आलू मेथी की सब्जी,1,आलू साबूदाना पापड़,1,आलू सूजी के कुरकुरे फिंगर,1,इंसान,2,इंसानियत का पाठ,1,इंस्टंट डोसा,2,इंस्टंट पनीर मखनी,1,इंस्टंट मावा,1,इंस्टंट स्नैक्स,2,इंस्टट ढोकला,1,इंस्टेंट कलाकंद बर्फी,1,इंस्टेंट कुल्फी,1,इंस्टेंट नींबू का खट्टा मीठा अचार,1,इंस्टेंट नूडल्स,1,इंस्टेंट मिठाई,1,इडली,3,इन्डियन टाइम,1,इमली,2,इम्युनिटी बूस्टर रेसिपी,1,इरोम शर्मिला,1,इलायची,1,इलायची पाउडर,1,इलोजी,1,इसे कहते है हिम्मत,1,ईद,1,ईश्वर,7,ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना,1,ईसा मसीह,1,ईसाई,1,उटी,1,उपमा,3,उपवास,1,उपवास का हांडवो,1,उपवास की इडली,1,उपहार,3,उमा शर्मा,1,उम्र,1,उम्र का लिहाज,1,ऋषि पंचमी,1,ऋषि सुनक,1,एक सवाल,1,एल पी जी गैस,1,एल्युमिनियम फॉयल पेपर,1,एल्युमीनियम,1,एल्युमीनियम के बर्तन,1,ऐनी दिव्या,1,ऐश ट्रे,1,ऐस्टरॉइड,1,ऑनलाइन,1,ओट्स,1,ओट्स वेजिटेबल ढोकला,1,ओरियो स्वीट रोल,1,ओरैया,1,और इज्जत बच गई,1,औरंगाबाद हादसा,1,कंगन,1,कंघा,1,कंडेंस्ड मिल्क,1,कंसन्ट्रेट आम पना,1,कच्चा केला,1,कच्चे आम,2,कच्चे आम का चटपटा पापड़,1,कच्चे आम की चाटवाली चटनी,1,कछुआ,1,कटलेट्स,2,कढ़ी,1,कद्दु,1,कद्दु के गुलगुले,1,कद्दू,1,कद्दू का बेसन,1,कन्यादान,4,कन्यामान,1,कबीर सिंह मूवी,1,कम तेल की रेसिपी,2,कमाई,1,कमाने वाली बहू,1,करवा चौथ,2,करवा चौथ शायरी,1,करवा-चौथ,8,कर्नाटक स्कूल,1,कर्नाटक हिजाब विवाद,1,कल्पना सरोज,1,कल्याणी श्रीवास्तव,1,कहानी,43,कांजी,1,कांजी वड़ा,1,काजू,2,काजू करी,1,काजू नमकपारे,1,काजू लोटस,1,कानून,1,कामवाली बाई,4,कालीन,1,किचन टिप्स,30,किचन सिंक,1,किटी पार्टी,1,किन्नर,1,कियारा आडवानी,1,किराए पर बीवियां,1,किसान,1,किसान आंदोलन,1,कुंडली मिलान,1,कुंबाकोणाम,1,कुंभ मेला,1,कुप्रथा,1,कुरकुरी भिंडी,1,कुरकुरे,1,कुरकुरे भिंडी बाइट्स,1,कुरडई,1,कुल्फी,1,कुल्फी प्रीमिक्स,1,कूकर,2,कृषि विधेयक 2020,1,केईएम् अस्पताल,1,केचप,1,कैंडी,1,कैरी मिनाती,1,कॉर्न,4,कॉर्न इडली,1,कोंडागांव,1,कोको कोला,1,कोरोना,4,कोरोना टिप्स,1,कोरोना वरीयर्स,2,कोरोना वायरस,8,कोरोना वैक्सीन,1,कोल्ड ड्रिंक,2,कोविड-19,2,कोवीड-19,2,कौए,1,क्रिसमस डे,4,क्रिसमस डे की शुभकामनाएं,1,क्रिस्टियानो रोनाल्डो,1,क्रिस्पी डोसा बनाने के सिक्रेट्स,1,क्षमा,2,क्षमा बिंदु,1,खजूर,3,खजूर इमली चटनी,1,खड़े होकर पानी पीना,1,खत,7,खबर,3,खरबूजा,2,खरबूजे का शरबत,1,खरेदी,1,खांडवी,1,खाटू फाल्गुन मेला,1,खाटू श्याम जी,1,खाद्य पदार्थ,1,खाना,3,खारक,1,खारी गरम,1,खाली पेट चाय,1,खीर,1,खुले में शौच,1,खुशी,3,खोया,2,गट्टे,1,गणतंत्र दिवस,1,गणेश चतुर्थी,5,गणेश चतुर्थी पर शायरी,1,गणेश चतुर्थी प्रसाद रेसिपी,1,गणेश जी,2,गन्ने का रस,1,गरम मसाला,1,गर्दन दर्द,1,गर्भवती महिला,1,गर्भावस्था,1,गर्भाशय,1,गलत व्यवहार,1,गलती,2,गांधी जयंती,1,गाजर,5,गाजर अप्पे,1,गाजर के पैनकेक,1,गाजर मूली का अचार,1,गाजर-मूली के दही बडे,1,गाय,1,गाली,1,गिफ्ट,1,गुजरात,1,गुजराती डिश,2,गुजिया,1,गुड़,1,गुड टच और बैड टच,2,गुड मॉर्निंग संदेश,1,गुड़हल,1,गुनगुना पानी,1,गुरु पूर्णिमा,1,गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं,1,गुलगुले,1,गुलाब जामुन,2,गुलाम कौन?,1,गुस्सा,1,गूगल ट्रेंड्स,1,गृहस्वामिनी,1,गेहूं,1,गेहूं का आटा,1,गेहूं के आटे की मठरी,1,गैस बर्नर,2,गोभी और चना दाल के बडे,1,गोरखपुर,1,गोरा रंग,1,गोल्डन ग्रेवी प्रीमिक्स,1,गौरी पराशर,1,ग्रीन टी,1,घंटी,1,घरेलू नुस्खे,1,घिया,1,घी,3,घी की नदी,1,घी खाने के फायदे,1,घोड़ी गीत,1,चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति,1,चकली,2,चटनी,15,चना दाल,1,चना दाल नमकिन,1,चमत्कार,1,चाँद पर जमीन,1,चाय,2,चाय मसाला,1,चावल,4,चावल के आटे की कुरडई,1,चावल के पापड़,1,चावल के फ्रायम,1,चाशनी,1,चाशनी वाली मावा गुजिया,1,चिवड़ा,1,चींटी,1,चींटीया,1,चीज,2,चीनी,1,चीनी देवता,1,चीला,5,चीले,2,चुडियां,1,चुर्ण,1,चूर्ण,6,छाछ,1,छींक,1,छोटी बाते,1,छोटे लेकिन काम के टिप्स,5,जज्बा,2,जनसंख्या,1,जन्मदिन,4,जन्मदिन की शुभकामनाएं,2,जन्मदिन पर धन्यवाद सन्देश,1,जन्माष्टमी,3,जन्माष्टमी रेसिपी,1,जमाना,1,जलेबी,1,जाट आंदोलन,1,जात-पात,1,जाति,3,जादुई दिया,1,जाम,1,जास्वंद,1,जिंदगी,2,जिम्नास्टिक,1,जींस,1,जीएसटी,1,जीरो ऑइल रेसिपी,5,जेएनयू,1,जेली,1,जैनी शैली,1,जैम,1,जोमैटो,1,जोयिता मंडल,1,जोरु का गुलाम,1,ज्योतिष विद्या,2,ज्वार की रोटी,1,ज्वेलरी,1,झाड़ू,1,झाड़ू का भूसा,1,झारखंड,1,झाले-वारणे,2,झूठ,1,टमाटर,1,टमाटर केचप,1,टमाटर प्यूरी,1,टमाटर सूप,1,टाइल्स,1,टाइल्स पर के सिलेंडर के दाग,1,टिप्स कॉर्नर,89,टी.व्ही. और सिनेमा,1,टेबल टेनिस,1,टॉयलेट सीट,1,टोक्यो ओलंपिक,2,टोक्यो पैरालंपिक,1,टोमैटो केचप,1,ठंडा पानी,1,ठंडे पेय,6,ठेचा,1,डर,2,डैंड्रफ,1,डॉक्टर,2,डॉटर्स डे,3,डॉटर्स डे विशेस,1,डॉटर्स डे शायरी,1,डोनाल्ड ट्रम्प,1,डोसा,2,ड्राई फ्रूट,2,ड्राई फ्रूट मोदक,1,ड्राई फ्रूट्स लड्डू,1,ड्रेगन,1,ढाबा स्टाइल सब्जी,2,ढाबे वाली दम अरबी,1,ढेबरा,1,ढोकला,2,ढोकले,1,तगार,1,तरबूज,4,तरबूज के छिलके का हलवा,1,तरबूज खरीदने के टिप्स,1,तरबूज स्टोरेज,1,तलाक,1,ताजे नारियल की बर्फी,1,तिल,5,तिल की कुरकुरी चिक्की,1,तिल के लड्डू,2,तिल गुड़ की रेवड़ी,1,तिल पपड़ी,1,तीज,1,तुलसी,2,तुलसी पूजन दिवस,1,तेजतर्रार बहू,1,तेल,1,तेलंगाना,1,तोरण,1,तोरण पर चिड़िया,1,तोहफ़ा,1,त्योहार,1,त्यौहार,1,थ्री इडियट्स,1,दक्षिणा,1,दर्द,1,दर्द का रिश्ता,1,दवा,1,दशहरा,1,दशहरा की शुभकामनाएं,1,दशहरा शायरी फोटो,1,दही,8,दही और लहसुन की चटनी,1,दही बड़े,1,दही भल्ले,1,दही मसाला भिंडी,1,दही वाली लौकी की सब्जी,1,दही सैंडविच,1,दहेज,3,दाग-धब्बे,2,दादा-दादी,1,दान,1,दाल,1,दाले,2,दासी,1,दिपावली,1,दिपावली बधाई संदेश,3,दिवाली,3,दिवाली मिठाई,2,दिवाली रेसिपी,5,दिशा,1,दीपावली शुभकामना संदेश,1,दीवाली रेसिपी,1,दुःख,1,दुध पावडर,1,दुबई,1,दुबई यात्रा,1,दुर्गा माता,1,दुल्हा,1,दुश्मन,1,दूध,4,दूध गुलकंद मोदक,1,देवी-देवताओं के गीत,1,देश सेवा,1,देशभक्ति,4,देशभक्ति शायरी,2,देहदान,1,दोस्त,2,दोस्ती,1,दोहता,1,धनतेरस शायरी,1,धनतेरस शुभकामनाए,1,धनिया,2,धनिया चटनी,2,धन्यवाद संदेश,2,धर्म,4,धर्मग्रंध,1,धार्मिक,67,नई जनरेशन,2,नए सात वचन,1,नक्सली,1,नजर,1,नजर कैसे उतारु,1,नदी में पैसे,1,नन्ही परी,1,नमक,1,नमक पारे,1,नमकपारे,1,नमकीन,2,नया साल,1,नरेद्र मोदी स्टेडियम,1,नवरात्र,2,नवरात्र स्पेशल,2,नवरात्रि,3,नवरात्रि की शुभकामनाएं,1,नवरात्रि रेसिपी,2,नवरात्रि शायरी फोटो,1,नवरात्री रेसिपी,11,नववर्ष,2,नववर्ष की शुभकामनाएं,2,नाइंसाफी,1,नाग पंचमी,1,नागरिकता संशोधन कानून,1,नानी,2,नाम,1,नारियल,3,नारियल की जटा,1,नारियल छिलने का तरीका,1,नारियल फोड़ना,1,नारियल बर्फ़ी,1,नारी,70,नारी अत्याचार,20,नारी शिक्षा,1,नाश्ता,1,निक वुजीकीक,1,निचली जाती,1,निमकी,1,निर्णयक्षमता,1,निर्भया,2,निवाला,1,नींबू,5,नींबू का अचार,2,नींबू का रस,1,नींबू का शरबत,1,नींबू के छिलके,1,नींबू को कैसे स्टोर करें?,1,नीडल थ्रेडर,1,नेत्रदान,1,नेपाल त्रासदी,1,नेल आर्ट,1,नेहा सांगवान,1,नॉन स्टिक तवा,1,न्याकिम गैटवेच,1,न्यू इयर रेसोल्युशन,1,न्यूजीलैंड,1,पकोडे,4,पकोड़े,3,पक्षी,1,पढ़ा-लिख़ा कौन?,1,पढ़ाई,1,पति,1,पति का अहं,1,पति की मौत,1,पति-पत्नी,1,पति-पत्नी संबंध,1,पत्ता गोभी,3,पत्ता गोभी की मुठिया,1,पत्नी,1,पत्र,2,पद्मपाणी स्कूल,1,पनीर,4,पनीर बटर मसाला,1,पनीर मोदक,1,पपीता,1,परंपरा,4,परफ्यूम,1,परवरिश,13,पराठा,2,पराठे,2,परिक्रमा,1,परीक्षा,2,परेशानी,1,पर्स,1,पल्ली उत्सव,1,पवित्र,1,पवित्रता,3,पसंदीदा शिक्षक को पत्र,1,पांच मिनट रेसिपी,1,पान,1,पान का शरबत,1,पान गुलकंद मोदक,1,पान शेक,1,पानी,2,पानी कैसे पीना चाहिए,1,पापड़,10,पायलट मोनिका खन्ना,1,पालक,6,पालक के डिजायनर चीले,1,पालक के नमक पारे,1,पालक चीला,1,पालक बडी,2,पाश्चात्य संस्कृति,1,पिता,2,पीरियड,1,पीरियड पॉलिसी,1,पीरियड्स,4,पीरियड्स डिले टेबलेट्स,1,पीवी सिंधु,1,पुण्य,2,पुरानी मान्यताएं,1,पुरुषोत्तम मास,1,पुलवामा हमला,1,पुष्कर,1,पूडी,2,पूतना,1,पूरी,1,पूरी या पराठे,2,पूर्वाग्रह,1,पेठे,1,पेड-पौधे,2,पेड़े,1,पेढे,1,पैड्मैन,1,पैदाइशी गरीब नहीं हूँ,1,पैनकेक,3,पैर धोना,1,पैर हिलाना,1,पैरेंटीग,1,पोर्न मूवी,1,पोषण,1,पोहा,4,पोहा रिंग्स,1,पोहे का चिवड़ा,1,पोहे के कुरकुरे,1,पौधे,1,प्याज,6,प्याज की चटनी,1,प्याज के क्रिस्पी पकोड़े,1,प्यार,5,प्यासा कौआ,1,प्रत्यूषा,1,प्रथा,1,प्रद्युम्न,1,प्रवासी मजदूर,2,प्रसन्न,1,प्राणियों से सीख,1,प्रियंका रेड्डी,1,प्री वेडिंग फोटोशूट,1,प्रीमिक्स,4,प्रेम,1,प्लास्टिक कंटेनर,1,प्लास्टिक ढक्कन,1,प्लास्टिक बाल्टी कैसे साफ़ करे,1,फ़टी एड़िया,1,फर्रुखाबाद,1,फल,2,फल और सब्जी खरीदने से पहले,1,फलाहार,1,फलाहारी दही वडे,1,फल्लिदाने,1,फादर्स डे,3,फिंगर,1,फूल,1,फूल गोभी के परांठे,1,फ़ेंगशुई,1,फेसबुक,2,फैशन,1,फ्रायम,1,फ्रिज,1,फ्रिज में सब्जी,1,फ्रेंडशीप डे,1,फ्रेंडशीप डे शायरी,1,फ्लश,1,बंटवारे की अनोखी शर्त,1,बंद सिंक,1,बकरीद,1,बची हुई सामग्री का उपयोग,1,बच्चे,12,बच्चे की ज़िद,1,बच्चें,3,बच्चों के प्रोजेक्ट,1,बछबारस,1,बटर,1,बड़ा कौन?,1,बढ़ती उम्र,2,बदला,1,बदलाव,1,बधाई संदेश,4,बन्ना-बन्नी गीत,1,बरबादी,1,बराबरी,1,बर्फ़,1,बर्फी,5,बर्फ़ी,1,बर्बरीक,1,बलात्कार,11,बसंत पंचमी,1,बसंत पंचमी की शुभकामनाए,1,बहन की रक्षा,1,बहू,8,बहू जैसा प्यार,1,बागवानी,2,बाजरा,2,बाजरा मेथी का ढेबरा,1,बाजरे की मीठी मठरी,1,बादाम और खसखस का हलवा,1,बाल दिवस,1,बाल धोना,2,बाल शोषण,2,बाहर का खाना,1,बिंदायक गीत,1,बिकिनी,1,बिना गैस रेसिपी,5,बिना चाशनी की मिठाई,3,बिना प्याज लहसुन की रेसिपी,7,बिमारियों की असली वजह,1,बिल्ली के गले में घंटी,1,बिस्किट,1,बिस्कुट,1,बिहार,1,बीएस येदियुरप्पा,1,बुढ़ापा,1,बुर्ज अल-अरब,1,बुर्ज खलीफा,1,बुलंदशहर गैंगरेप,1,बुलबुल के पंख,1,बूरा,1,बेटा,3,बेटा पढाओ,1,बेटियां,1,बेटी,9,बेटी बचाओ अभियान,2,बेटे का फ़र्ज,1,बेबस और निरीह जानवर,1,बेबी फार्मिंग,1,बेमेल आहार,1,बेसन,2,बेसन के लड्डू,1,बेसन वाली कुरकुरी हरी मिर्च,1,बैंगन,1,बोझ,1,बोर होना,1,ब्रम्हाजी,1,ब्रिटेन के प्रधानमंत्री,1,ब्रेकअप,1,ब्रेकिंग न्यूज,1,ब्रेड,7,ब्रेड की रसमलाई,2,ब्रेड के शक्करपारे,1,ब्रेड पकोडा,1,ब्रेड पिस्ता पेढे,1,ब्रेड मलाई रोल,1,ब्रेड सैंडविच ढोकला,1,ब्रेन हेमरेज,1,ब्लैकमेल,1,ब्लॉगअद्दा एक्टिविटी,1,ब्लॉगर ऑफ द इयर 2019,1,ब्लॉगर्स रिकोग्निशन अवार्ड,1,ब्लॉगिंग,8,ब्ल्यू व्हेल गेम,1,भक्ति,1,भगर,5,भगर की इडली,1,भगर के उत्तपम,1,भगर के कटलेट,1,भगवान,4,भजिए,2,भरता,1,भरवां मिर्च,1,भरवां शिमला मिर्च,1,भरवां हरी मिर्च का अचार,1,भाई दूज शायरी,1,भाकरवडी,1,भाकरवड़ी,1,भागीरथी अम्मा,1,भात गीत,1,भाभी,1,भारत,2,भारतीय नारी,1,भारतीय मसाले,1,भाविना पटेल,1,भिंडी,3,भिखारी,1,भुट्टे के पकोड़े,1,भूकंप,1,भूख,1,भोंदू,1,भोजन,1,भ्रुण हत्या,1,मंदसौर गैंग रेप,1,मंदिर,4,मंदिरों में ड्रेस कोड़,1,मंदिरों में दक्षिणा,1,मकई,5,मकई उपमा,1,मकई चीला,1,मकई पकोडे,1,मकर संंक्रांति,1,मकर संक्रांति,5,मकर संक्रांति की शुभकामनाएं,1,मकर संक्राति,1,मखाना,1,मखाने के लड्डू,1,मजेदार पहेलियाँ,3,मटके पर औंधा लोटा,1,मटर,4,मटर के अप्पे,1,मटर के पकोड़े,1,मटर पनीर,1,मठरी,8,मठ्ठा,1,मणिपुर,1,मणिपुर वायरल वीडियो,1,मथुरा के पेड़े,1,मदर्स डे,6,मदर्स डे का गिफ्ट,1,मम्मी,2,मर्द,1,मल मास,1,मलाई,3,मलाई पनीर,1,मलाई फ्रूट सलाद,1,मलाई से घी निकालना,1,मल्ला तामो,1,मसाला छाछ,1,मसाला मठरी,2,मस्जिद,1,महात्मा गांधी जी,2,महानता,1,महाराजा अग्रसेन जी,1,महाराष्ट्र में आरक्षण,1,महिला आजादी,1,महिला आरक्षण,1,महिला दिवस,4,महिला सशक्तिकरण,4,महिला सुरक्षा,1,महिलाओं का पहनावा,1,माँ,7,माँ का दर्द,1,माँ की हिम्मत,1,माउथ फ्रेशनर,1,माता यशोदा,1,माता लक्ष्मी,1,मातृभाषा,1,माफी,1,मायका,2,मारवाड़ी,1,मारवाडी रेसिपी,1,मार्केटिंग स्ट्रेटेजी,1,मार्बल,1,माला,1,मावा,1,मावा कुल्फी,1,मावा गुलाब जामुन,1,मासिक धर्म,3,माहवारी,8,मिठाई,52,मिठाई मेट,1,मित्र,2,मिलावट,1,मिलावट पहचानने के घरेलू तरीके,1,मिलिबग्स,1,मिल्क पाउडर,1,मिल्कमेड,1,मिस इंडिया 2019,1,मीठा नीम,1,मीठे चावल,1,मीठे चीले,1,मीठे जर्दा चावल,1,मुक्ति,1,मुखवास,1,मुनगा,1,मुबारकपुर कला,1,मुरब्बा,1,मुरमुरा,1,मुरमुरा लड्डू,1,मुर्गा,1,मुर्गे की बांग,1,मुलेठी,1,मुस्लिम,1,मुस्लिम मंच,1,मुहूर्त,1,मूंग की दाल,1,मूंग की दाल का हलवा,1,मूंग दाल,3,मूंग दाल चीला,1,मूंग दाल डोसा,1,मूंग़ दाल लड्डू,1,मूंगदाल और आटे की कुरकुरी मठरी,1,मूंगफली,1,मूंगफली काजू बर्फी,1,मूंगफली की सूखी चटनी,1,मूंगफली बर्फी,1,मूली,5,मूली का अचार,1,मूली की चटनी,1,मूली के पत्तों के कुरकुरे कटलेट्स,1,मेंढक,1,मेंस्ट्रुअल कप,2,मेंहदी,11,मेडिसिन बाबा,1,मेथी,2,मेथी के पराठे,1,मेथी दाना चुर्ण,1,मेथी मटर मलाई,1,मेनु,1,मेरा बेटा,1,मेरा मंत्र,3,मेरा श्राद्ध कर,1,मेरा सपना,1,मेरी अग्नि परीक्षा,1,मेरी बहू,1,मेरी बात,16,मैंगो फ्रूटी,1,मैंगो श्रीखंड,1,मैदा के मीठे पेठे,1,मैनर्स,1,मोदक,4,मोबाइल,1,मोबाइल की लत,1,म्रुत्युभोज,1,याकूब मोहम्मद,1,युरो 2020,1,यू ए ई,1,रंग,1,रंग पंचमी,1,रक्तदान,1,रक्तदान के फायदे,1,रक्षा बंधन,3,रक्षाबंधन,4,रक्षाबंधन शायरी,1,रजस्वला नारी,5,रवा इडली,1,रवा मठरी,1,रसे वाली अरबी,1,रसोई,224,रसोई गैस,1,रांगोली,3,राक्षसी ढुंढी,1,राखी,6,राखी का अनोखा गिफ्ट,1,राखी स्पेशल मिठाई,1,राज की बात,1,राजगिरा आटा,2,राजगिरा आटा बर्फ़ी,1,राजगिरा आटा लड्डू,1,राजभाषा,1,राजस्थानी समाज,2,राजस्व,1,राजा जनक,1,रातिजगा,1,रातिजगा के गीत,1,राम,3,राम नाम सत्य है,1,राम मंदिर,1,राम रहीम,1,रामनवमी,1,रामनवमी की शुभकामनाएं,1,राशिफल,1,राशी-भविष्य,1,राष्ट्रगान,1,राष्ट्रगीत,1,राष्ट्रभाषा,1,रिती-रिवाज,1,रिफाइंड ऑयल,1,रिफाइंड ऑयल के नुकसान,1,रिफाइंड तेल,1,रिश्ते,1,रीतिरिवाज,4,रुपया-पैसा,1,रूस-युक्रेन युद्ध,1,रेणुका मिश्रा,1,रेन वाटर हार्वेस्टिंग,1,रेवड़ी,1,रेसोल्युशन,1,रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम,1,रेस्टोरेंट स्टाइल सब्जी,3,रेस्टोरेंट स्टाईल दही वाली धनिया चटनी,1,रैंचो,1,रोटी,5,रोस्टेड मूंगफली,1,लकड़ी की राख,1,लकवा,1,लकी फेस,1,लकी या अनलकी चेहरा,1,लक्खी मेला,1,लघुकथा,36,लच्छेदार मठरी,1,लड्डू,10,लसोड़ा,1,लसोड़े की सब्जी,1,लहसुन,1,लहसुनी पालक,1,लाइटर,1,लाइफ स्किल्स,1,लाफिंग बुद्धा,1,लार,1,लाल मिर्च,1,लाल मिर्च का अचार,1,लाल मिर्च की सूखी चटनी,1,लिव इन,1,लिव इन रिलेशनशिप,1,लीव इन रिलेशनशिप,1,लेसवा,2,लेसवा का भरवां अचार,1,लेसवा की लौंजी,1,लेसुए,1,लैंगिक समानता,1,लॉकडाउन,3,लॉटरी,1,लोकल ट्रेन,1,लोकसभा चुनाव,1,लोग क्या कहेंगे?,1,लौंजी,2,लौकी,5,लौकी का भरता,1,लौकी का हलवा,1,लौकी की बड़ी,1,लौकी की सब्जी,2,लौकी के गट्टे,1,वक्त,1,वटसावित्री व्रत,1,वर,1,वर्जिनिटी टेस्ट,1,वर्तमान,1,वर्षा जल संग्रहण,1,वर्षा जल संचयन,1,वाटर प्यूरीफायर,1,वायरल फोटो,1,वारी के हनुमान,1,विज्ञापन,2,विदर्भ स्पेशल रेसिपी,1,विधवा,2,विधवा ने किया कन्यादान,1,विधवा विवाह,1,विरुद्ध आहार,1,विवाह,1,विवाह संस्कार,1,विशाखापट्टनम रेप कांड,1,विश्व साड़ी दिवस,1,वी दा सावरकर,1,वृंदावन,1,वृद्धावस्था,1,वेज कटलेट्स,1,वेजिटेबल डोसा,1,वेजिटेबल पैनकेक,1,वैलेंटाइन गिफ़्ट,1,वैलेंटाइन डे,4,वैलेंटाइन डे शायरी,1,वैश्विक महामारी,1,वोट,1,वोट की किंमत,1,व्यंग,17,व्यायाम,1,व्रत,2,व्रत के दही भल्ले,1,व्रत रेसिपी,28,व्रत स्पेशल,2,व्हाट्स एप्प,1,व्हाट्सएप स्टेटस,1,शकरकंद,2,शकरकंद की जलेबी,1,शकरकंद को कैसे भुने,1,शकुन-अपशकुन,2,शक्करपारे,3,शनि देव,1,शबनम मौसी,1,शब्द,1,शरबत,8,शराब की दुकान,1,शर्बत,1,शर्म,3,शवयात्रा,1,शहद,1,शहनाज गिल,1,शादी,18,शादी की खरेदी,1,शादी की फ़िजूलखर्ची का बिल,1,शादी की सालगिरह,1,शादी के सालगिरह की शुभकामनाएं,1,शादी-ब्याह,4,शायरी,9,शावर,1,शाहिद कपूर,1,शिक्षक दिन,2,शिक्षक दिवस पर शायरी,1,शिक्षा,7,शिमला मिर्च,1,शिव,1,शिवपुरी,1,शिवलिंग,2,शिवलिंग परिक्रमा,1,शुद्ध शहद की पहचान,1,शुभ कार्य,1,शुभ मुहूर्त,2,शुभ-अशुभ,4,शुभकामना संदेश,1,शोक संदेश,1,श्रद्धांजलि मैसेज,1,श्रद्धांजलि शायरी,1,श्राद्ध,4,श्राद्ध का खाना,1,श्रीकृष्ण,3,श्रीराम,1,श्रीराम की बहन,1,श्रीराम जन्मभूमि,1,श्रेष्ठता,1,संत निकोलस,1,संतोष की मुस्कान,1,संसद,1,संस्कार,1,संस्कृति,1,संस्मरण,10,सकारात्मक पहल,3,सच बोलने की प्रेरणा,1,सजा मुझे क्यों,1,सतबीर ढिल्लो,1,सपना,2,सफलता,1,सफेद कीड़े,1,सफेद बाल,1,सब्जियों का अचार,1,सब्जियों की कांजी,1,सब्जी,27,समय,2,समाजसेवा,2,समाजिक,1,समाधान,1,समावत चावल,3,समोसा,1,सर के बाल,2,सरोगेट मदर,1,सलाद,2,ससुराल,4,सस्ते कपड़े,1,सहजन,1,सहजन/मुनगा की कढ़ी,1,सहशिक्षा,1,सांता क्लॉज,2,सांप,2,सांभर वडी,1,सांवला या काला रंग,1,साउथ इंडियन डिश,3,साक्षात्कार,5,सागर में ज्वार,1,साड़ी,1,सात फेरे,1,सात वचन,1,सातवीं सालगिरह,1,साफ-सफाई,1,साबुदाना,3,साबुदाना के अप्पे,1,साबुदाना पापड़,2,साबुदाने लड्डू,1,साबुन,1,साबूदाना,4,साबूदाना कटलेट,1,साबूदाना खिचड़ी,1,साबूदाना वड़ा,1,सामाजिक,119,सामाजिक कार्यकर्ता,1,सालगिरह,9,सावन,2,सास,4,साहित्य,153,सिंगल पैरेंट,1,सिंदूर,1,सिध्दार्थ शुक्ला,1,सिरका,1,सिलेंडर,1,सीएए,1,सीकर,1,सीख-सुहानी,2,सीनियर सिटीजन,1,सीनियर सिटीजन ग्रुप,1,सीनू कुमारी,1,सुंदरता,1,सुई,1,सुखी,1,सुजी,1,सुप्रभात संदेश,1,सूखी मूंग की दाल का हलवा,1,सूजी,5,सूजी की मठरी,1,सूजी के दही बड़े,1,सूजी के पापड़,1,सूजी के लड्डू,2,सूप,1,सेंधा नमक,1,सेनेटरी नेपकिन,2,सेनेटरी पैड,1,सेब,2,सेब के छिलके,1,सेलिब्रिटी,1,सेलिब्रेटी,1,सेव मेरिट सेव नेशन,1,सेवई उपमा,1,सेहत,11,सैंडविच,1,सैंडविच चटनी,1,सैनिक को पत्र,1,सैनिको को पाती,1,सोच,1,सोनम वांंगचुक,1,सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट,1,सोलो यूट्यूबर,1,सोलोगैमी,1,सोशल मीडिया,2,सौंदर्या,1,सौंफ,1,सौंफ का शरबत,1,सौंफ प्रीमिक्स,1,सौतेली माता,1,सौभाग्यशाली,1,स्कूल,3,स्कूल यूनिफॉर्म,1,स्टफ्ड आम पापड़,1,स्टफ्ड मैंगो रोल,1,स्टार्टर,2,स्टिकर्स,1,स्टिकर्स कैसे हटाये,1,स्टैच्यु ऑफ यूनिटी,1,स्त्री,2,स्नान,1,स्नैक्स,85,स्पाइसजेट,1,स्व,1,स्वतंंत्रता दिन,1,स्वतंत्रता दिन,2,स्वयं से प्यार,1,स्वर्ग और नर्क,1,स्वाथ्य,2,स्वाभिमान,1,स्वास्थ,2,स्वास्थ्य,28,स्वीट कॉर्न,1,स्वीट कॉर्न खीर,1,हंस,1,हनुमान जी,2,हर घर तिरंगा,1,हरा चना,1,हरियाली तीज की शुभकामनाएं,1,हरी मटर,1,हरी मटर के पैनकेक,1,हरी मटर को कैसे स्टोर करें,1,हरी मिर्च,6,हरी मिर्च और दही की चटनी,1,हरी मिर्च का अचार,1,हरे चने की बर्फी,1,हलवा,4,हल्दी,1,हल्दी की रस्म,1,हांडवो,2,हाउसवाइफ,1,हाथी,1,हार्ट अटैक,1,हिंदी उखाणे,1,हिंदी उखाने,1,हिंदी कहानी,5,हिंदी गीत,1,हिंदी दिवस,1,हिंदी शायरी,41,हिंदु,1,हिंदू धर्म,2,हिजाब,1,हिम्मत,1,हिरण्यकश्यप,1,हेयर कलर,1,हैंड सैनिटाइजर,1,हैंडल,1,हैसियत,1,होटल,1,होममेकर,1,होलिका की पूजा,1,होली,1,होली की शुभकामनाएं,1,होली रेसिपी,2,
ltr
item
आपकी सहेली ज्योति देहलीवाल: मृत्युभोज: एक प्रथा जिसे हमने कुप्रथा बना दिया!
मृत्युभोज: एक प्रथा जिसे हमने कुप्रथा बना दिया!
जब मृत्युभोज के खिलाफ समाज मे रोष है तो फिर आज भी मृत्युभोज का आयोजन बड़े पैमाने पर क्यों किया जाता है? गरीब लोग कर्ज लेकर भी मृत्युभोज क्यों करवाते है
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCQGXMG99qaMtQ0WxzupJAZU8SOKysJqJmTscRouIrq8a_kjrCTjwdLeNn-dyBpKr0P6pz9U_Lv1mb4odxHQ8xjhdQyqDLE6vQ6704WlVupqdeeLUVII9pvsY0nI-0miLq6EM1EFC0BMhr4pWEI8KOEmjF9y8bydSCTVVzpWttug9gGEH3WGCh4zCW-A/w400-h266/mrutyubhoj.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCQGXMG99qaMtQ0WxzupJAZU8SOKysJqJmTscRouIrq8a_kjrCTjwdLeNn-dyBpKr0P6pz9U_Lv1mb4odxHQ8xjhdQyqDLE6vQ6704WlVupqdeeLUVII9pvsY0nI-0miLq6EM1EFC0BMhr4pWEI8KOEmjF9y8bydSCTVVzpWttug9gGEH3WGCh4zCW-A/s72-w400-c-h266/mrutyubhoj.jpg
आपकी सहेली ज्योति देहलीवाल
https://www.jyotidehliwal.com/2022/07/Mrityubhoj-ek-pratha-jise-hamane-kupratha-bana-diya.html
https://www.jyotidehliwal.com/
https://www.jyotidehliwal.com/
https://www.jyotidehliwal.com/2022/07/Mrityubhoj-ek-pratha-jise-hamane-kupratha-bana-diya.html
true
7544976612941800155
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy