गांधी जी को आज भी हर कोई जानता हैं। लेकिन उनके जीवन के कुछ ऐसे रोचक तथ्य हैं जिन्हें हर कोई नहीं जानता! तो आइए… जानते हैं, महात्मा गांधी के जीवन के 41 ऐसे रोचक तथ्य जिन्हें हर कोई नहीं जानता!!
गांधी जी को ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया में भी विशेष ख्याति प्राप्त है। इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दुनिया के महान वैज्ञानिकों में शुमार आइंस्टीन ने कहा था कि कुछ सालों बाद लोग इस बात पर यकीन नहीं करेंगे कि महात्मा गांधी जैसा इंसान कभी भी इस धरती पर हाड़ मांस का शरीर लेकर चलता था। गांधी जी को आज भी हर कोई जानता हैं। लेकिन उनके जीवन के कुछ ऐसे रोचक तथ्य हैं जिन्हें हर कोई नहीं जानता! तो आइए… जानते हैं, महात्मा गांधी के जीवन के ऐसे रोचक तथ्य जिन्हें हर कोई नहीं जानता!!
1) गांधी जी की माँ का नाम पूतलीबाई था। जब गांधीजी का जन्म (2 अक्तूबर 1869) हुआ था तब उनके पिता करमचंद गांधी जिन्हें काबा भी कहा जाता था, राजकोट के दिवान थे। मतलब इनका जन्म एक अमीर परिवार में हुआ था।
2) गांधी जी ने अपने जीवन के एक समय में छोटी-मोटी चोरियां की और धूम्रपान को भी अपनाया। लेकिन बाद में इन गलतियों को कभी न दोहराने का प्रण भी लिया।
3) 13 साल की छोटी सी उम्र में उनकी शादी कस्तुरबा से हुई, जो उम्र में उनसे एक साल बड़ी थी। शादी से संबंधित प्रथाओं को पूरा करने में एक साल लग गया था और इसी कारण से वे एक साल स्कूल नहीं जा पाएं थे। वे अपनी पत्नी से अक्सर मारपीट करते थे। गांधी जी अक्सर कस्तुरबा के निरक्षर होने के कारण उन्हें ताने मारा करते थे।
4) अपनी आत्मकथा में महात्मा गांधी ने लिखा है कि वे बचपन में बहुत शर्मीले थे और स्कूल से भाग जाया करते थे। दूसरों से बात करने में उन्हें बहुत झिझक होती थी।
5) 19 साल की उम्र में पढ़ाई में सामान्य होने के बावजूद वे कानून की पढ़ाई करने 1889 में इंग्लैंड गए।
6) गांधीजी ने जब अपनी कानून की पढ़ाई खत्म कर इंग्लंड में वकालत शुरू की तो वह पूरी तरह असफल साबीत हुए। यहां तक कि अपने पहले केस में घबराहट के चलते पूरी बहस किए बिना ही वे बैठ गए और केस हार गए थे।
7) दादा अब्दुल्ला के कहने पर वे दक्षिण अफ्रीका गए। दक्षिण अफ्रिका में वे बहुत सफल वकील बने। उनकी आमदनी 15000 डॉलर सालाना हो गई थी।
8) 1906 में 38 साल की उम्र में गांधी जी ने ब्रम्हचर्य व्रत लिया था। ब्रम्हचर्य के प्रयोग हेतु वे कुंवारी लड़कियों के साथ नग्न सोते थे! लडकियों से मसाज करवाते थे और उनके साथ स्नान भी करते थे! गांधी जी के इस ब्रम्हचर्य के प्रयोगों पर सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी आपत्ति जताई थी। लेकिन गांधी जी कद तब तक इतना बड़ा हो चुका था कि किसी की भी आपत्ति से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था। गांधी जी ब्रम्हचर्य के प्रयोग में खुद सफल रहे। लेकिन कई लोगों का मानना हैं कि जैसे प्रयोगशालाओं में प्रयोग के लिए मेंढक और चुहों आदि का उपयोग किया जाता हैं, वहां पर मेंढक और चुहों के भावनाओं को महत्व नहीं दिया जाता ठीक उसी तरह गांधी जी ने भी अपने ब्रम्हचर्य के प्रयोगों हेतु लड़कियों का वस्तुओं की तरह उपयोग किया। उन्होंने कभी इस बात की पर्वा नहीं की, कि उन लड़कियों को कैसा महसूस होता होगा? कहा जाता हैं कि जो लड़कियां उनके साथ सोती थी उन सभी का वैवाहिक जीवन नष्ट हो गया था।
9) रवींद्रनाथ ठाकुर की भांजी सरला देवी, जिसका विवाह पंजाब के एक जमींदार रामभज दत्त चौधरी से हुआ था, को गांधीजी अपनी आध्यात्मिक पत्नी मानते थे।
10) ट्रेन से यात्रा करते समय एक बार महात्मा गांधी का एक जूता नीचे गिर गया। उन्होंने अपना दूसरा जूता भी फेक दिया। जब बगल के यात्री ने कारण पूछा तो वे बोले एक जूता मेरे किसी काम नहीं आएगा। कम से कम मिलने वाले को तो दोनों जूते पहनने का मौका मिले।
11) गांधी जी ने बोएर युद्ध में बतौर सैनिक हिस्सा लिया था।
12) गांधी जी ने स्वाधीनता आंदोलन में अपने जीवन के 6 साल 5 महीने जेल में बिताये!
13) महात्मा गांधी अपने जीवन में कभी अमेरिका नहीं गए। अमेरिका की टाइम मैगजीन ने 1930 में महात्मा गांधी को “मैन ऑफ द ईयर” का पुरस्कार दिया था। 1999 में गांधीजी को टाइम मैगजीन द्वारा Albert Einstein के बाद 19 वी सदी दूसरा सबसे प्रभावशाली व्यक्ति चुना गया। 14) गांधी जी की आत्मकथा “सत्य के साथ मेरे प्रयोग (my experiments with truth)”, जो 1927 में प्रकाशित हुई थी, को हार्पर कोलिन्स ने उन्नीसवीं सदी की 100 सबसे प्रमुख आध्यात्मिक पुस्तकों में एक घोषित किया।
15) गांधी जी को 1948 में नोबल पुरष्कार के लिए चुना गया था किन्तु पुरस्कार मिलने से पहले ही उनकी हत्या हो गई। फलस्वरूप नोबल कमिटी ने पुरस्कार उस साल किसी को भी नहीं दिया। हालांकि उन्हें कुल 5 बार नोबल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था।
16) गांधी जी समय के इतने पाबंद थे कि उन्हें ‘मिनटों का दास’ कहा जाता था।
17) उन्हें ''महात्मा'' की उपाधि रवींद्र नाथ टैगोर ने दी थी।
18) उन्हें ''राष्ट्रपिता'' की उपाधि सुभाषचंद्र बोस ने दी थी। जब नेताजी के समर्थकों ने इस बात पर नाराजगी जताई तब नेताजी ने कहा था कि मेरे गांधी जी से मतभेद हैं मनभेद नहीं हैं। मैं उस आदमी को महात्मा इसलिए कहता हूं कि उस आदमी की उपस्थिति मात्र से मन में नैतिकता का संचार होने लगता हैं। न जाने इस व्यक्ति में कैसा आकर्षण हैं कि कितना भी हिंसक आदमी उसके सामने आकर बैठे वो अहिंसक हो जाता हैं।
19) कई लोगों का मानना हैं कि यदि गांधीजी चाहते तो भगतसिंह की फांसी रोक सकते थे।
20) आज तक दुनिया में गांधी जी जैसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ जिसने अपने जीवन की जीवनी पूरी सच्चाई के साथ और इमानदारी से लिखी।
21) आजादी के बाद गांधी जी की जिद की वजह से ही भारत को पाकिस्तान को 55 करोड रुपए का भुगतान करना पड़ा था। सरदार पटेल जैसे नेताओं को डर था कि पाकिस्तान इस धन का उपयोग भारत के खिलाफ जंग छेडने में कर सकता हैं।
22) गांधी जी का जन्म शुक्रवार को हुआ था, भारत को स्वतंत्रता शुक्रवार को ही मिली थी तथा गांधी जी की हत्या भी शुक्रवार को ही हुई थी।
23) महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को ''विश्व अहिंसा दिवस'' के रूप में मनाने का फैसला किया है।
24) साउथ अफ्रीका के पीटरमेरिट्जबर्ग स्टेशन पर जहां गांधी जी को धक्का मार कर ट्रेन से फेंक दिया गया था आज वहां पर गांधी जी की मुर्ती बनी हुई हैं।
25) उन्होंने सत्याग्रह का पहली बार उपयोग साउथ अफ्रीका में ही किया था।
26) जापान में भुकंपरोधी जो घर बने उन घरों की डिजाइन महात्मा गांधी के सेवाग्राम के घर से ली गई थी और इस घर की डिजाइन स्वयं गांधी जी ने तैयार की थी! गांधी जी ने आर्किटेक्टरों से घर की डिजाइन बनाते वक्त तीन शर्तों का पालन करने कहा था। पहली- घर 500 रुपए में बनना चाहिए... दूसरी- घर बनाने के लिए जो भी कच्चा माल लगेगा वो घर से 20 किलोमीटर के दायरे में मिलना चाहिए... और तीसरी शर्त ये थी कि मैं घर के किसी भी कोने में बैठू वहां से मुझे आकाश दिखना चाहिए। इन तीनों शर्तों का पालन करके घर का डिजाइन बनाना किसी भी आर्किटेक्ट के लिए संभव नहीं हुआ था। तब महात्मा गांधी ने खुद ही इन तीनों शर्तों का पालन करते हुए घर का डिजाइन बनाया था।
27) गांधीजी को अपनी फोटो लिया जाना पसंद नहीं था। इसके बावजूद आजादी की लडाई के दौरान सबसे ज्यादा उन्हीं की फोटो ली गई थी।
28) गांधीजी को सम्मान देने के लिए एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गोल चश्मा पहनते थे।
29) गांधीजी स्वदेशी के कट्टर समर्थक होने के बावजूद उनका पहला डाक टिकट स्विटजरलैंड में छपवाया गया था।
30) गांधीजी के बेटे हरीलाल ने उन्हें छोड दिया था और इस्लाम धर्म अपना लिया था।
31) अपनी मौत से एक दिन पहले महात्मा गांधी कांग्रेस पार्टी को खत्म करने का विचार कर रहे थे।
32) आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में सिर्फ़ कांग्रेस ही नहीं तो पूरे देश की पसंद सरदार वल्लभभाई पटेल होने के बावजूद गांधी जी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया था।
33) 1939 में नेशनल कांग्रेस के चुनाव के समय नेताजी बीमार हो गए जिसका फायदा उठाकर गांधीजी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को कांग्रेस से बाहर कर दिया था। जिसके कारण नेताजी को जापान जाकर आजाद हिंद फौज का गठन करना पडा था।
34) 1942 के भारत छोडों आंदोलन के बाद ये साफ हो गया था कि अब भारतीय और नहीं सहेंगे। भारत को आजादी देनी ही पडेंगी। तब अंग्रेजों ने एक दांव खेला और गांधी जी से कहा कि विश्वयुद्ध में भारत हमारा सहयोग करे और बदले में हम भारत को आजाद कर देंगे। गांधी जी ने आंदोलन वापस ले लिया। दूसरे विश्वयुद्ध में गांधी जी के कहने पर ही भारतीय सेना अंग्रेजों के लिए लडी थी। जिसमें लाखों सैनिक मारे गये और लाखों सैनिक घायल हुए। इस युद्ध के कारण भारत की अर्थव्यवस्था लगभग दिवालिया हो गई थी। कई लोगों का मानना हैं कि यदि गांधी जी आंदोलन वापस नहीं लेते तो हमें आजादी पहले ही मिल जाती और लाखों भारतीय सैनिक नहीं मारे जाते!
35) जमनालाल बजाज जी का ब्लैंक चेक हमेशा गांधी जी के पास रहता था।
36) महात्मा गांधी हर रोज 18 किलोमीटर पैदल चलते थे। इस लिहाज से गांधी जी पुरी दुनिया के दो चक्कर लगा सकते हैं।
37) गांधी जी के नाम से भारत में 53 मुख्य मार्ग हैं जबकि विदेशों में 48 सड़के हैं।
38) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कभी महात्मा गांधी को ‘अधनंगा फकीर’ कहकर उनका मजाक उड़ाया था।
39) दुनिया में महात्मा गांधी के आदर को इस बात से समझा जा सकता है कि जिस देश से भारत को आजादी दिलाने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी, उसी ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया। जी हां, ब्रिटेन ने उनके निधन के 21 साल बाद उनके नाम से डाक टिकट जारी किया।
40) गांधीजी की शवयात्रा (30 जनवरी 1948) को आजाद भारत की सबसे बडी शवयात्रा कहा गया था। महात्मा गांधी की अंतिम यात्रा 8 किलोमीटर तक चली थी। करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और करीब 15 लाख लोग रास्ते में खड़े थे।
41) भारतीय मुद्रा पर लोग अपने पसंदिदा जांबाज हीरो की फोटो देखना चाहते थे। गांधी जी एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो हर जाती और हर धर्म के लोगों की पसंद थे। इसलिए भारत की मुद्रा पर गांधी जी का फोटो हैं। यह फोटो 1946 में खिंची गई थी। रिजर्व बैंक ने पहली बार वर्ष 1969 में 100 रुपए का एक स्मारक नोट जारी किया जिसमें सेवाग्राम आश्रम में बैठे महात्मा गांधी को दिखाया गया था। लेकिन करेंसी नोट में राष्ट्रपिता की तस्वीर को नियमित रुप से प्रकाशित करने का काम 1987 में ही शुरु हो पाया था।
2) गांधी जी ने अपने जीवन के एक समय में छोटी-मोटी चोरियां की और धूम्रपान को भी अपनाया। लेकिन बाद में इन गलतियों को कभी न दोहराने का प्रण भी लिया।
3) 13 साल की छोटी सी उम्र में उनकी शादी कस्तुरबा से हुई, जो उम्र में उनसे एक साल बड़ी थी। शादी से संबंधित प्रथाओं को पूरा करने में एक साल लग गया था और इसी कारण से वे एक साल स्कूल नहीं जा पाएं थे। वे अपनी पत्नी से अक्सर मारपीट करते थे। गांधी जी अक्सर कस्तुरबा के निरक्षर होने के कारण उन्हें ताने मारा करते थे।
4) अपनी आत्मकथा में महात्मा गांधी ने लिखा है कि वे बचपन में बहुत शर्मीले थे और स्कूल से भाग जाया करते थे। दूसरों से बात करने में उन्हें बहुत झिझक होती थी।
5) 19 साल की उम्र में पढ़ाई में सामान्य होने के बावजूद वे कानून की पढ़ाई करने 1889 में इंग्लैंड गए।
6) गांधीजी ने जब अपनी कानून की पढ़ाई खत्म कर इंग्लंड में वकालत शुरू की तो वह पूरी तरह असफल साबीत हुए। यहां तक कि अपने पहले केस में घबराहट के चलते पूरी बहस किए बिना ही वे बैठ गए और केस हार गए थे।
7) दादा अब्दुल्ला के कहने पर वे दक्षिण अफ्रीका गए। दक्षिण अफ्रिका में वे बहुत सफल वकील बने। उनकी आमदनी 15000 डॉलर सालाना हो गई थी।
8) 1906 में 38 साल की उम्र में गांधी जी ने ब्रम्हचर्य व्रत लिया था। ब्रम्हचर्य के प्रयोग हेतु वे कुंवारी लड़कियों के साथ नग्न सोते थे! लडकियों से मसाज करवाते थे और उनके साथ स्नान भी करते थे! गांधी जी के इस ब्रम्हचर्य के प्रयोगों पर सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी आपत्ति जताई थी। लेकिन गांधी जी कद तब तक इतना बड़ा हो चुका था कि किसी की भी आपत्ति से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था। गांधी जी ब्रम्हचर्य के प्रयोग में खुद सफल रहे। लेकिन कई लोगों का मानना हैं कि जैसे प्रयोगशालाओं में प्रयोग के लिए मेंढक और चुहों आदि का उपयोग किया जाता हैं, वहां पर मेंढक और चुहों के भावनाओं को महत्व नहीं दिया जाता ठीक उसी तरह गांधी जी ने भी अपने ब्रम्हचर्य के प्रयोगों हेतु लड़कियों का वस्तुओं की तरह उपयोग किया। उन्होंने कभी इस बात की पर्वा नहीं की, कि उन लड़कियों को कैसा महसूस होता होगा? कहा जाता हैं कि जो लड़कियां उनके साथ सोती थी उन सभी का वैवाहिक जीवन नष्ट हो गया था।
9) रवींद्रनाथ ठाकुर की भांजी सरला देवी, जिसका विवाह पंजाब के एक जमींदार रामभज दत्त चौधरी से हुआ था, को गांधीजी अपनी आध्यात्मिक पत्नी मानते थे।
10) ट्रेन से यात्रा करते समय एक बार महात्मा गांधी का एक जूता नीचे गिर गया। उन्होंने अपना दूसरा जूता भी फेक दिया। जब बगल के यात्री ने कारण पूछा तो वे बोले एक जूता मेरे किसी काम नहीं आएगा। कम से कम मिलने वाले को तो दोनों जूते पहनने का मौका मिले।
11) गांधी जी ने बोएर युद्ध में बतौर सैनिक हिस्सा लिया था।
12) गांधी जी ने स्वाधीनता आंदोलन में अपने जीवन के 6 साल 5 महीने जेल में बिताये!
13) महात्मा गांधी अपने जीवन में कभी अमेरिका नहीं गए। अमेरिका की टाइम मैगजीन ने 1930 में महात्मा गांधी को “मैन ऑफ द ईयर” का पुरस्कार दिया था। 1999 में गांधीजी को टाइम मैगजीन द्वारा Albert Einstein के बाद 19 वी सदी दूसरा सबसे प्रभावशाली व्यक्ति चुना गया। 14) गांधी जी की आत्मकथा “सत्य के साथ मेरे प्रयोग (my experiments with truth)”, जो 1927 में प्रकाशित हुई थी, को हार्पर कोलिन्स ने उन्नीसवीं सदी की 100 सबसे प्रमुख आध्यात्मिक पुस्तकों में एक घोषित किया।
15) गांधी जी को 1948 में नोबल पुरष्कार के लिए चुना गया था किन्तु पुरस्कार मिलने से पहले ही उनकी हत्या हो गई। फलस्वरूप नोबल कमिटी ने पुरस्कार उस साल किसी को भी नहीं दिया। हालांकि उन्हें कुल 5 बार नोबल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था।
16) गांधी जी समय के इतने पाबंद थे कि उन्हें ‘मिनटों का दास’ कहा जाता था।
17) उन्हें ''महात्मा'' की उपाधि रवींद्र नाथ टैगोर ने दी थी।
18) उन्हें ''राष्ट्रपिता'' की उपाधि सुभाषचंद्र बोस ने दी थी। जब नेताजी के समर्थकों ने इस बात पर नाराजगी जताई तब नेताजी ने कहा था कि मेरे गांधी जी से मतभेद हैं मनभेद नहीं हैं। मैं उस आदमी को महात्मा इसलिए कहता हूं कि उस आदमी की उपस्थिति मात्र से मन में नैतिकता का संचार होने लगता हैं। न जाने इस व्यक्ति में कैसा आकर्षण हैं कि कितना भी हिंसक आदमी उसके सामने आकर बैठे वो अहिंसक हो जाता हैं।
19) कई लोगों का मानना हैं कि यदि गांधीजी चाहते तो भगतसिंह की फांसी रोक सकते थे।
20) आज तक दुनिया में गांधी जी जैसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ जिसने अपने जीवन की जीवनी पूरी सच्चाई के साथ और इमानदारी से लिखी।
21) आजादी के बाद गांधी जी की जिद की वजह से ही भारत को पाकिस्तान को 55 करोड रुपए का भुगतान करना पड़ा था। सरदार पटेल जैसे नेताओं को डर था कि पाकिस्तान इस धन का उपयोग भारत के खिलाफ जंग छेडने में कर सकता हैं।
22) गांधी जी का जन्म शुक्रवार को हुआ था, भारत को स्वतंत्रता शुक्रवार को ही मिली थी तथा गांधी जी की हत्या भी शुक्रवार को ही हुई थी।
23) महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को ''विश्व अहिंसा दिवस'' के रूप में मनाने का फैसला किया है।
24) साउथ अफ्रीका के पीटरमेरिट्जबर्ग स्टेशन पर जहां गांधी जी को धक्का मार कर ट्रेन से फेंक दिया गया था आज वहां पर गांधी जी की मुर्ती बनी हुई हैं।
25) उन्होंने सत्याग्रह का पहली बार उपयोग साउथ अफ्रीका में ही किया था।
26) जापान में भुकंपरोधी जो घर बने उन घरों की डिजाइन महात्मा गांधी के सेवाग्राम के घर से ली गई थी और इस घर की डिजाइन स्वयं गांधी जी ने तैयार की थी! गांधी जी ने आर्किटेक्टरों से घर की डिजाइन बनाते वक्त तीन शर्तों का पालन करने कहा था। पहली- घर 500 रुपए में बनना चाहिए... दूसरी- घर बनाने के लिए जो भी कच्चा माल लगेगा वो घर से 20 किलोमीटर के दायरे में मिलना चाहिए... और तीसरी शर्त ये थी कि मैं घर के किसी भी कोने में बैठू वहां से मुझे आकाश दिखना चाहिए। इन तीनों शर्तों का पालन करके घर का डिजाइन बनाना किसी भी आर्किटेक्ट के लिए संभव नहीं हुआ था। तब महात्मा गांधी ने खुद ही इन तीनों शर्तों का पालन करते हुए घर का डिजाइन बनाया था।
27) गांधीजी को अपनी फोटो लिया जाना पसंद नहीं था। इसके बावजूद आजादी की लडाई के दौरान सबसे ज्यादा उन्हीं की फोटो ली गई थी।
28) गांधीजी को सम्मान देने के लिए एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गोल चश्मा पहनते थे।
29) गांधीजी स्वदेशी के कट्टर समर्थक होने के बावजूद उनका पहला डाक टिकट स्विटजरलैंड में छपवाया गया था।
30) गांधीजी के बेटे हरीलाल ने उन्हें छोड दिया था और इस्लाम धर्म अपना लिया था।
31) अपनी मौत से एक दिन पहले महात्मा गांधी कांग्रेस पार्टी को खत्म करने का विचार कर रहे थे।
32) आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में सिर्फ़ कांग्रेस ही नहीं तो पूरे देश की पसंद सरदार वल्लभभाई पटेल होने के बावजूद गांधी जी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया था।
33) 1939 में नेशनल कांग्रेस के चुनाव के समय नेताजी बीमार हो गए जिसका फायदा उठाकर गांधीजी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को कांग्रेस से बाहर कर दिया था। जिसके कारण नेताजी को जापान जाकर आजाद हिंद फौज का गठन करना पडा था।
34) 1942 के भारत छोडों आंदोलन के बाद ये साफ हो गया था कि अब भारतीय और नहीं सहेंगे। भारत को आजादी देनी ही पडेंगी। तब अंग्रेजों ने एक दांव खेला और गांधी जी से कहा कि विश्वयुद्ध में भारत हमारा सहयोग करे और बदले में हम भारत को आजाद कर देंगे। गांधी जी ने आंदोलन वापस ले लिया। दूसरे विश्वयुद्ध में गांधी जी के कहने पर ही भारतीय सेना अंग्रेजों के लिए लडी थी। जिसमें लाखों सैनिक मारे गये और लाखों सैनिक घायल हुए। इस युद्ध के कारण भारत की अर्थव्यवस्था लगभग दिवालिया हो गई थी। कई लोगों का मानना हैं कि यदि गांधी जी आंदोलन वापस नहीं लेते तो हमें आजादी पहले ही मिल जाती और लाखों भारतीय सैनिक नहीं मारे जाते!
35) जमनालाल बजाज जी का ब्लैंक चेक हमेशा गांधी जी के पास रहता था।
36) महात्मा गांधी हर रोज 18 किलोमीटर पैदल चलते थे। इस लिहाज से गांधी जी पुरी दुनिया के दो चक्कर लगा सकते हैं।
37) गांधी जी के नाम से भारत में 53 मुख्य मार्ग हैं जबकि विदेशों में 48 सड़के हैं।
38) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कभी महात्मा गांधी को ‘अधनंगा फकीर’ कहकर उनका मजाक उड़ाया था।
39) दुनिया में महात्मा गांधी के आदर को इस बात से समझा जा सकता है कि जिस देश से भारत को आजादी दिलाने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी, उसी ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया। जी हां, ब्रिटेन ने उनके निधन के 21 साल बाद उनके नाम से डाक टिकट जारी किया।
40) गांधीजी की शवयात्रा (30 जनवरी 1948) को आजाद भारत की सबसे बडी शवयात्रा कहा गया था। महात्मा गांधी की अंतिम यात्रा 8 किलोमीटर तक चली थी। करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और करीब 15 लाख लोग रास्ते में खड़े थे।
41) भारतीय मुद्रा पर लोग अपने पसंदिदा जांबाज हीरो की फोटो देखना चाहते थे। गांधी जी एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो हर जाती और हर धर्म के लोगों की पसंद थे। इसलिए भारत की मुद्रा पर गांधी जी का फोटो हैं। यह फोटो 1946 में खिंची गई थी। रिजर्व बैंक ने पहली बार वर्ष 1969 में 100 रुपए का एक स्मारक नोट जारी किया जिसमें सेवाग्राम आश्रम में बैठे महात्मा गांधी को दिखाया गया था। लेकिन करेंसी नोट में राष्ट्रपिता की तस्वीर को नियमित रुप से प्रकाशित करने का काम 1987 में ही शुरु हो पाया था।
बहुत खूब ज्योति !!गांधी जी के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद । मैंने अपने जीवन के 25 साल पोरबंदर में गुजा़रे हैं ।
जवाब देंहटाएंवा...व्व...शुभा दी,फिर तो आपको गांधीजी के बारे में बहुत कुछ पता होगा।
हटाएंव्वाहहहह..
जवाब देंहटाएंसचमुच बेमिसाल..
सादर..
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
21/07/2019 को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
आदरणीय कुलदिप जी, मेरी रचना को 'पांच लिंको का आनंद' में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
हटाएंवाह !ज्योति बहन बेहतरीन सलाम आप की लेखनी को
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा लगा पढ़ कर, काफ़ी बार पढ़ा ये सब परन्तु आप की लेखनी की बात है कुछ और है
सादर
Great Post about Gandhi Ji. I hope you will visit my blog. Here is the link of my latest travel post about ITC Maratha Hotel https://amazingshining.com/itc-maratha-luxury-hotels-adventure-travel-mumbai/
जवाब देंहटाएंGreat to read, Thanks for sharing.
जवाब देंहटाएंगाँधी जी के बारे में बहुत सी बातों से अनभिज्ञ थी बहुत ही सुन्दर लेख लिखा है आपने जानकारी देने के लिए धन्यवाद आपका ...
जवाब देंहटाएंThis is an amazing post, so many info about GandhiJi, many of these were beyond my knowledge, thanks for sharing.
जवाब देंहटाएंvery informative dear
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेख लिखा है
जवाब देंहटाएंnice facts.
जवाब देंहटाएं